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न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में 10 अक्टूबर को दिल्ली में फिर हो सकता है चक्का जाम

ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि दिल्ली सहित देश में नए चलान अधिनियम को लागू करने के बाद ट्रांसपोर्टर्स की परेशानियां काफी बढ़ गई है. चालान अधिनियम लागू होने के बाद दिल्ली यातायात पुलिस मनमाने तरीके से चालान वसूल रही है.

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Published : Sep 27, 2019, 2:18 PM IST

ट्रांसपोर्टर्स ने बड़ी हड़ताल का किया ऐलान

नई दिल्ली: राजधानी में न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में 10 अक्टूबर से जनता को चक्का जाम झेलना पड़ सकता है. एक दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद अब ट्रांसपोर्टर्स 10 अक्टूबर को बड़ी हड़ताल करने के संकेत दे रहे हैं.

10 अक्टूबर को फिर होगा चक्का जाम !

ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि दिल्ली समेत देश में नए चलान अधिनियम को लागू करने के बाद ट्रांसपोर्टर्स की परेशानियां काफी बढ़ गई है. चालान अधिनियम लागू होने के बाद दिल्ली यातायात पुलिस मनमाने तरीके से चालान वसूल रही है. दिल्ली यातायात पुलिस के चालान करने का कोई पैमाना नहीं है. जिसके विरोध में सभी ट्रांसपोर्ट 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद 10 तारीख को चक्का जाम करने की बात कर रहे हैं.

नए चालान अधिनियम के विरोध में ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने 19 सितंबर को 1 दिन के सांकेतिक हड़ताल के बाद सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर सरकार ट्रांसपोर्टर्स की मांगें नहीं मानती है तो दिल्ली में 10 अक्टूबर से दोबारा चक्के जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ सकता है.

संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में भाईचारा रथ हरियाणा के हिसार से चल कर दिल्ली पहुंचा है और ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि सरकार ने चालान अधिनियम लागू तो कर दिया लेकिन दिल्ली यातायात पुलिस मनमाने ढंग से चालान वसूल रही है.

खाली गाड़ियों का भी ओवरलोडिंग का चालान, बिना हेल्पर के भी चालान वसूल रही है जबकि आज के समय में ज्यादातर गाड़ियों में हेल्पर है ही नहीं. यातायात पुलिस के पास चालान करने के कई तरीके है जिससे कोई एक बार उनके पास आ जाये और बिना चालान कटे वापस नही जा सकता. ट्रांसपोर्टर्स ने 1 दिन के सांकेतिक हड़ताल के दौरान सरकार के सामने अपनी मांगें रखी थी और ये भी कहा था कि अगर उनकी ये सभी मांगें पूरी नहीं हुई तो दिल्ली में दोबारा चक्का जाम देखने को मिल सकता है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा.

देखना यह है कि सरकार ट्रांसपोर्टर्स की मांग के सामने झुकती है या चालान अधिनियम में कुछ जरूरी बदलाव करती है.

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