जहरीली हो रही दिल्ली NCR की हवा, यहां चेक करें अपने इलाके का AQI - जहरीली हो रही दिल्ली NCR की हवा
दिल्ली और एनसीआर (New Capital Region) में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को भी अधिकतर इलाकों में प्रदूषण का स्तर Red Zone में ही रहा. कुल मिलाकर एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) के हिसाब से आंकड़ा 300 के के पार ही रहा.
Delhi ncr pollution news
By
Published : Jan 6, 2023, 12:09 PM IST
नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिल्ली का कई इलाकों का प्रदूषण स्तर डार्क रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित आनंद विहार है यहां का AQI 443 दर्ज हुआ है. गाजियाबाद और नोएडा का AIR QUALITY INDEX भी रेड जोन में दर्ज किया गया है.
दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर
333
शादीपुर
374
डीटीयू दिल्ली
366
आईटीओ दिल्ली
431
सिरिफ्फोर्ट
401
मंदिर मार्ग
386
आरके पुरम
411
पंजाबी बाग
403
लोधी रोड
328
नॉर्थ कैंपस डीयू
363
CRRI मथुरा रोड
396
पूसा
346
IGI एयरपोर्ट टर्मिनल
348
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
377
नेहरू नगर
430
द्वारका सेक्टर 8
389
पटपड़गंज
431
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज
409
अशोक विहार
366
सोनिया विहार
378
जहांगीरपुरी
390
रोहिणी
368
विवेक विहार
408
नजफगढ़
285
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम
400
नरेला
362
ओखला फेस टू
426
बवाना
349
श्री औरबिंदो मार्ग
375
मुंडका
379
आनंद विहार
443
IHBAS दिलशाद गार्डन
327
चांदनी चौक
354
गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
गाजियाबाद के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा
439
इंदिरापुरम
442
संजय नगर
311
लोनी
404
नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
नोएडा के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62
418
सेक्टर 125
343
सेक्टर 1
368
सेक्टर 116
424
Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.
Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.