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दिल्ली की हवा में घुल रहा प्रदूषण का जहर, गाजियाबाद और नोएडा की हालत 'खराब' - एयर क्वालिटी इंडेक्स

दिल्ली और एनसीआर (New Capital Region) में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को भी अधिकतर इलाकों में प्रदूषण का स्तर Red Zone में ही रहा. कुल मिलाकर एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) के हिसाब से आंकड़ा 300 के के पार ही रहा.

Delhi ncr pollution news
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Published : Jan 2, 2023, 10:11 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. सोमवार को दिल्ली का प्रदूषण रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित इलाका नेहरू नगर है, यहां का AQI 365 दर्ज हुआ है. वहीं गाजियाबाद और नोएडा का AIR QUALITY INDEX खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है. दिल्ली के मुकाबले नोएडा और गाजियाबाद आज कम प्रदूषित हैं.

दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

दिल्ली के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर NA
शादीपुर 311
डीटीयू दिल्ली 293
आईटीओ दिल्ली 325
सिरिफ्फोर्ट 265
मंदिर मार्ग NA
आरके पुरम 315
पंजाबी बाग 339
लोधी रोड 203
नॉर्थ कैंपस डीयू 288
CRRI मथुरा रोड 318
पूसा 273
IGI एयरपोर्ट टर्मिनल 234
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 285
नेहरू नगर 365
द्वारका सेक्टर 8 326
पटपड़गंज 350
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 298
अशोक विहार 332
सोनिया विहार 339
जहांगीरपुरी 347
रोहिणी 355
विवेक विहार 355
नजफगढ़ 220
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 300
नरेला 314
ओखला फेस टू 326
बवाना 324
श्री औरबिंदो मार्ग 287
मुंडका 340
आनंद विहार 340
IHBAS दिलशाद गार्डन 253

गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

गाजियाबाद के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 316
इंदिरापुरम 227
संजय नगर 254
लोनी 260

नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-

नोएडा के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62 312
सेक्टर 125 176
सेक्टर 1 255
सेक्टर 116 301

Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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