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देश के सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर दिल्ली, नोएडा और गाज़ियाबाद का AQI भी 300 पार

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर बेहद ही खराब स्थिति में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 372, गाजियाबाद का AQI 340 और नोएडा का AQI 342 है जो कि 'खराब' श्रेणी में है. इसके अलावा दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में AQI 'अत्यंत खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है.

Delhi NCR in bad condition in pollution
देश के सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर दिल्ली

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Published : Oct 31, 2022, 9:43 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिन इलाक़ों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार है, वहां लोगों को आंखों में जलन महसूस हो रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर है.

दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में बेहद खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के अलीपुर, एनएसआईटी द्वारका, डीटीयू, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, नरेला, वजीरपुर, बवाना, मुंडका, आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर डार्क रेड जोन में बना हुआ है यानी कि यहां का प्रदूषण स्तर 400 के पार है. वहीं एनसीआर के अन्य तमाम इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन यानी कि 300 के पार है जो कि लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.

दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर
दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर

एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

एनसीआर के इलाके प्रदूषण स्तर
लोनी, गाज़ियाबाद 354
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद 330
संजय नगर, गाजियाबाद 345
वसुंधरा, गाजियाबाद 329
सेक्टर 62, नोएडा 375
सेक्टर 116, नोएडा 346
सेक्टर 125, नोएडा 370
सेक्टर 1, नोएडा 278

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क:जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें-

  • बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम न टहलें.
  • घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
  • दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
  • दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
  • शाम को गर्म पानी का भाप लें.
  • गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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