नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने शनिवार को पूर्वी दिल्ली स्थित चिल्ला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने प्लांट के संचालन का निरीक्षण किया और अधिकारियों से इस प्लांट में सीवर के पानी को शोधित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि इस प्लांट का संचालन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वॉटर विजन के तहत किया जा रहा है. इसके मुताबिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के शोधित पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल (पीने को छोड़कर) गैर पीने योग्य उपयोग के कार्यों में किया जाए. इस प्लांट के भीतर एक फिलिंग स्टेशन बनाया गया है, जिसमें रोजाना तकरीबन 78 वॉटर टैंकों में सीवेज का शोधित पानी भरा जाता है. टैंकर्स के माध्यम से सीवेज के शोधित पानी को पार्कों की सिंचाई, औद्योगिक, कृषि और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल के लिए अलग अलग जगह सप्लाई किया जाता है.
बनेगी आर्टिफिशियल झील: निरीक्षण के दौरान डीजेबी उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने बताया कि इस प्लांट के शोधित पानी को टैंकरों द्वारा सप्लाई करने के अलावा रिचार्ज पिट बनाकर ग्राउंड वॉटर को भी रिचार्ज किया जा रहा है. हालांकि फिर भी काफी शोधित पानी शेष बच जाता है. इस शोधित पानी से आसपास के क्षेत्र के ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड चिल्ला प्लांट के निकट आर्टिफिशियल झील तैयार करने पर विचार कर रहा है. आर्टिफिशियल झील को शोधित पानी से भरकर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज किया जाएगा और उसके बाद ट्यूबवेल्स लगाकर भूजल का दोहन कर शोधित पानी को सिस्टम में वापस लाया जाएगा.