नई दिल्ली: प्रशांत विहार में रहने वाले एक एलआईसी एजेंट को कुछ लोगों ने फोन करके बुलाया और उन्हें अगवा कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. ये रकम नहीं देने पर उन्होंने गला दबाकर एलआईसी एजेंट की हत्या कर दी और शव को उत्तर प्रदेश की नहर में फेंक दिया. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि सट्टे में उनके ऊपर काफी कर्ज हो गया था. इसलिए उन्होंने अपहरण कर इस वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस को मिली थी शिकायत
डीसीपी राजेश देव के मुताबिक 7 जनवरी को प्रशांत विहार इलाके से दीपक दुआ के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता ने उनके अपहरण की आशंका जताई. जिसे लेकर प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. 17 जनवरी को यूपी के सिकंदराबाद थाने की पुलिस ने उन्हें बताया कि दीपक दुआ का शव उनके यहां नहर में मिला है. इसे लेकर अपहरण का ये मामला हत्या में बदल दिया गया.
4 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
इस वारदात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसीपी संदीप लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज कुमार, विजय समारिया और एसआई मनोज यादव की टीम छानबीन में जुटी. क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच के दौरान जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली और कुछ लोगों से पूछताछ की तो उनका शक मोनू शर्मा पर गया.
मोनू शर्मा सहित चार आरोपियों को नांगलोई और उसके आसपास के इलाकों से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सट्टे में रुपये हारने के चलते उनके ऊपर काफी कर्ज था. इसलिए उन्होंने दीपक का अपहरण किया और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी.