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ट्विन टावर के ध्वस्त होने के सात महीने बाद भी नहीं हटाया जा सका मलवा, मई तक काम पूरा होने की उम्मीद

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Published : Mar 23, 2023, 6:17 PM IST

नोएडा के बहुचर्चित ट्विन टावर को ध्वस्त किए जाने के सात महीने बाद भी इसका मलवा नहीं हटाया जा सका है. मलवा हटाने के लिए जिम्मेदार एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया कि मलवा हटाने के लिए 15 अप्रैल तक का समय दिया गया था लेकिन यह काम मई तक पूरा होने की उम्मीद है.

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ट्विन टावर हटाने के लिए जिम्मेदार कंपनी एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से बातचीत

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के बहुचर्चित बहुमंजिला इमारत ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद भी इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, ट्विन टावर के ध्वस्त हुए सात महीने बीच चुके हैं लेकिन इसका मलवा अभी तक पूरी तरह से नहीं हटाया जा सका है. जबकि कहा जा रहा था कि इसे अगले तीन महीने में हटा दिया जाएगा. ट्विन टावर को ध्वस्त करने वाले एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया कि आसपास की सोसाइटी और एनजीटी के नियमों के चलते कई बार मलवा हटाने के काम को रोकना पड़ा और मशीनें बंद करनी पड़ी, जिसके चलते जनवरी में समाप्त होने वाला काम अब मई के अंत तक जा सकता है. वहीं अगर फिर से काम को रोका गया तो इसे हटाने का समय और भी आगे बढ़ सकता है. बता दें कि नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर को 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त किया गया था.

मलवा हटाने में जुटे मजदूर

नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिराने का आदेश दिया गया था, जिसे 28 अगस्त 2022 को एडिफिस कंपनी ने ध्वस्त किया. एडिफिस कंपनी का कहना है कि ट्विन टावर ध्वस्त होने के तीन महीने के अंदर सभी मलवा को हटा दिया जाएगा, जबकि अब सात महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी भी मलवा वहां से नहीं हटाए गए है. अभी भी स्क्रैप निकालने से लेकर मलवा हटाने का काम चल रहा है.

बता दें कि दो महीने तक ट्विन टावर के मलवा हटाने का काम एनजीटी के आदेश पर रोका गया था. वहीं करीब एक दर्जन पापलीन की मशीनों के चलते अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण होने पर आसपास की सोसाइटी द्वारा काम तीन महीने रोका गया और फिर तीसरी बार ध्वनि प्रदूषण बढ़ने के चलते दिसंबर माह में पॉपलिन चलाने पर रोक लगा दी गई. जो मार्च के शुरू तक लगी रही. अब जाकर एक बार फिर स्क्रैप और मलवा हटाने के लिए महज दो मशीनों को लगाने की अनुमति प्राधिकरण द्वारा आसपास के सोसाइटी के विरोध के बाद दिया गया है, जिसमें 15 अप्रैल तक मलवा हटाने के निर्देश प्राधिकरण ने दिए हैं.

धूल न उड़े इसलिए मलवा को ढंका गया

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मयूर मेहता ने बताया कि मलवा करीब-करीब हटा लिया गया है. वहीं कुछ स्क्रैप अभी भी बेसमेंट में हैं, जिन्हें निकालने के लिए दो मशीनों का प्रयोग किया गया है, ताकि अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण ना हो सके. वहीं उन्होंने बताया कि सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ही मौके पर काम चल रहा है. वर्तमान समय में महज 25 मजदूरों की मदद से काम हो रहा है. उन्होंने बताया कि बेसमेंट से स्क्रैप और मलवा निकलने के बाद मौके पर बचे मलबे को बेसमेंट में भरने का काम किया जाएगा. जिसे करने में कम से कम मई अंत तक का समय लग सकता है. वहीं प्राधिकरण द्वारा 15 अप्रैल तक कार्य समाप्त करने का निर्देश दिया गया है.

मलवा हटाने का काम जेसीबी से किया जा रहा

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