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नोएडा में फिर अपराधियों ने आम आदमी से लूटे 23 लाख, पुलिस कर रही है मामले की जांच - home minister

नोएडा में एक बार फिर से साइबर ठगी का मामला सामने आया है. साइबर अपराधियों ने गृह मंत्रालय से रिटायर हुए एक अफसर को 23 लाख का चूना लगा दिया. फिलहाल पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है और मामले की जांच कर रही है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2023, 8:22 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठगी करने वाले हर किसी को अपना निशाना बना रहे हैं. एख ताजा मामला सामने आया है, जिसमें ठगों ने अश्लील फोटो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल करने का डर दिखाकर ठगी की. साइबर जालसाजों ने गृह मंत्रालय के संवर्ग से उप निदेशक के पद से रिटायर्ड हुए अधिकारी के साथ 22 लाख 79 हजार 20 रुपये की ठगी कर ली. छह खाते में कई बार में जालसाजों ने रकम ट्रांसफर कराई. पीड़ित पर जब और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा तो उसे ठगी की आशंका हुई. ठगी के आसार दिखाई देने पर उसने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है.

जानिए कैसे हुई ठगी: पीड़ित ने बताया कि वह गृह मंत्रालय के संवर्ग से उप निदेशक के पद से रिटायर्ड हुआ है. वर्तमान में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में कंसल्टेंट के पद पर कार्यरत है. कुछ समय पहले शिकायतकर्ता के फेसबुक मैसेंजर पर एक युवती ने अश्लील कॉल की. कुछ समय बाद एक मोबाइल नंबर से पीड़ित के पास कॉल आई. कॉलर उसकी और युवती की फोटो को एडिट कर ब्लैकमेल करने लगा. कॉलर ने बताया कि शिकायतकर्ता का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड हो रहा है. अगर वह इस परेशानी से बचना चाहता है तो यूट्यूब की हेल्पलाइन पर संपर्क करे. इसके बाद फर्जी एसआई विक्रम राठौर ने पीड़ित के पास कॉल की और वीडियो डिलीट करने के एवज में पैसे मांगे. पीड़ित से कहा गया कि अगर वह पैसे ट्रांसफर नहीं करेगा तो उसकी वीडियो को वायरल होने से कोई रोक नहीं पाएगा. बदनामी और डर के कारण पीड़ित ने जालसाज द्वारा बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी.

पुलिस का डर दिखाकर कराए और पैसे ट्रांसफर:पैसे ट्रांसफर करने के कुछ समय बाद पीड़ित के पास फिर से कॉल आई. अपराधियों ने बताया कि वीडियो में दिख रही युवती को पुलिस गिरफ्तार करने गई थी. परंतु पुलिस की गलती से उसने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. अगर युवती के परिवार वाले मीडिया में पीड़ित के बारे में उल्टा सीधा बताया, तो वह फंस जाएगा और उसे जेल जाने से कोई नहीं रोक पाएगा. कॉलर ने कहा कि इस मुसीबत से निकालने के लिए उसने पुलिस अधिकारियों से बात कर ली है, पर वह दस लाख रुपये लेने के बाद ही युवती के परिवार पर दबाव बना पाएंगे. इसके बाद फर्जी पुलिस अधिकारी ने कॉल की और दस लाख रुपये और ट्रांसफर करा लिए. कुल मिलाकर पीड़ित ने करीब 23 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर की. साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि अज्ञात जालसाज के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. मेवात गिरोह द्वारा ठगी किए जाने की संभावना जताई जा रही है.

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