नई दिल्ली/नोएडाःनोएडा के थाना सेक्टर 39 क्षेत्र के सेक्टर 96 के पास 4 दिसंबर को एक स्कूटी सवार लड़की को जगुआर कार ने टक्कर मार दी थी, जिसमें स्कूटी सवार लड़की की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने जगुआर चालक और कार को अपने कब्जे में लिया था. पुलिस ने 427, 304ए और 279 की धारा में मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, जब घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को हुई तो इस पूरे मामले में आईपीसी की धारा 302 लगाने का आदेश दिया गया. इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब जांच अधिकारियों ने कोर्ट में रिमांड की एप्लीकेशन दी तो कोर्ट ने धारा 302 हटाने का आदेश (Court orders removal of IPC section 302 in Deepika murder case) दिया. अब इस मामले में धारा 427 और 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच चल रही है. वह इस घटना के संबंध में पुलिस ने छह और लग्जरी गाड़ियों को हिरासत में लिया था, जिन्हें अब कोर्ट द्वारा रिलीज करने का आदेश जारी हुआ है.
पुलिस ने जगुआर के साथ जिन छह अन्य लग्जरी गाड़ियों को अपने कब्जे में लिया था, उन पर आरोप था कि रेसिंग के दौरान यह हादसा हुआ. पर अब कोर्ट ने जगुआर को छोड़कर कुछ अन्य गाड़ियों को रिलीज करने का आदेश दिया है. अब तक दो गाड़ी मालिकों ने अपनी गाड़ियों को रिलीज करा लिया है. शेष गाड़ियों के मालिक अभी अपनी गाड़ियों को लेने नहीं आए हैं. वहीं पुलिस सूत्रों की इस पूरे मामले में मानें तो यह एक्सीडेंट एक गले की फांस बना है, जिसमें उच्च अधिकारी खुद मॉनिटरिंग करने में जुटे हैं.
बता दें, मृतका दीपिका की शादी फरवरी में होने वाली थी. घर में उत्साह का माहौल था. तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी दीपिका पूरे घर की दुलारी थी. भाई सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है और शादीशुदा है, ऐसे में परिवार चलाने का जिम्मा दीपिका पर था. कम उम्र में दीपिका ने बड़ी जिम्मेदारी उठा रखी थी. जीजा के भाई से उसकी शादी तय हुई थी. शादी के लिए वह एक-एक पैसे जुटा रही थी. दीपिका की एक बहन की मौत पहले ही हो चुकी है. पूरा परिवार दीपिका पर निर्भर था.