नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में सीएम योगी ने रविवार को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में कहा कि डिजिटल युग में हमारी संस्कृति पर हो रहे हमलों को लेकर सांस्कृतिक योद्धा लोगों को जागरूक करें, लेकिन कानून को हाथ न लें. उन्होंने कहा कि यह डिजिटल युग है. जितना लाभकारी है उतना ही खतरनाक भी है. दरअसल, उन्होंने यह बातें सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही.
इस दौरान उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को लेकर कुछ दिनों पहले एक और गिरोह का पर्दाफाश हुआ था, जो मूकबधिर बच्चों का धर्मांतरण करा रहा था. धर्मांतरण की घटनाएं सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं हो रही हैं. ऐसे लोग षड्यंत्र के तहत सभ्य परिवारों के बीच अपनी जगह बनाते हैं और आगे क्या होता है, वह आप सबके सामने है. हाल ही में दिल्ली और मुंबई में हुई घटनाएं इनका उदाहरण है. हमारी सरकार इसको रोकने के लिए अध्यादेश लेकर आई है और कानून उसके हिसाब से कार्य कर रहा है.
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के सभी देशों की अपनी एक विशिष्ट पहचान है. उदाहरण के लिए, हम फ्रांस को देखें तो कला उसकी पहचान है, वैसे ही ब्रिटेन अपने व्यवसायिक हितों के लिए जाना जाता है. इसी प्रकार संस्कृति भारत की पहचान है. इसका मतलब है कि भारत अपनी संस्कृति के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज में कुछ भी नहीं परोसा जा सकता है, उसके भी कुछ नियम और कायदे हैं.
इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने सेव कल्चर, सेव इंडिया मिशन की वेबसाइट भी लॉन्च की. इसके अलावा भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले सांस्कृतिक योद्धाओं को फाउंडेशन की ओर से एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया. इसमें स्वस्थ साइबर भारत आंदोलन चलाने वाले अभय शाह, रचनात्मक ब्रांडिंग और एक लड़की जैसी बहुचर्चित फिल्म बनाने वाले मनीष प्राणिया, वरिष्ठ लेखिका और पिक्सेल की सीईओ वैशाली शाह, फिल्म निर्माता प्रवीन चतुर्वेदी, हिंदू जन जागरण समिति के प्रवक्ता रमेश शिंदे, पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा, टीवी एंकर प्रदीप भंडारी, जेम्स ऑफ बॉलीवुड आंदोलन चलाने वाले संजीव नेवर और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन शामिल रहे. फाउंडेशन से जुड़े व्यापार और राजस्व सलाहकार उत्तम दवे, उद्योगपति रमेश छज्जे और वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिंह को भी सीएम योगी ने शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.