नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा में संपत्ति के हस्तांतरण पत्र ट्रांसफर मेमोरेंडम के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है. जिसके बाद कागजातों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने के लिए आवेदकों को दफ्तर बुलाया जाता है. इसी मामले में सीईओ ने नाराजगी जताई और इससे संपत्ति से जुड़े विभागों की तरफ से इसे अनिवार्य प्रक्रिया बताने पर सीईओ ने नाराजगी जताई. इस प्रक्रिया को खत्म करने पर सभी विभागों से एक सप्ताह में फिजिबिलिटी रिपोर्ट देने को कहा है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों का निस्तारण किया. इस दौरान सीईओ के सामने ट्रांसफर मेमोरेंडम के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदकों को फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए दफ्तर बुलाने से जुड़ा प्रकरण सामने आया. शिकायतकर्ताओं का कहना था कि ट्रांसफर मेमोरेंडम के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बावजूद विभाग की तरफ से मूल दस्तावेजों के साथ फिजिकल वेरिफिकेशन कराने को दफ्तर बुलाया जा रहा है. इस पर सीईओ ने संपत्ति से जुड़े सभी विभागाध्यक्षों से इस प्रकरण में जानकारी ली.
विभागाध्यक्षों ने बताया कि ट्रांसफर मेमोरेंडम के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बावजूद आवंटी को फिजिकल वेरिफिकेशन करना और मूल कागजातों का परीक्षण करना जरूरी है. जिससे कोई गलत ट्रांसफर मेमोरेंडम न हो रहे हो. इस पर सीईओ ने ऑनलाइन वेरिफिकेशन करने के नए तरीके अपनाने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी विभागों से इस प्रकरण में एक सप्ताह में रिपोर्ट भी मांगी है. सीईओ ने जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों का समय पर निस्तारण न करने पर संबंधित विभागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. इस दौरान उन्होंने विभागों को चेतावनी पत्र भी जारी किए.
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इसके अलावा गांव सैनी में अधूरी रोड का निर्माण कार्य करने, गांव डाबरा व तुस्याना के कृषकों को आबादी भूखंड का आवंटन सेक्टर इकोटेक 2 में अतिक्रमण हटाने आदि पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए. जन सुनवाई के दौरान एसीईओ मेघा रूपम, अमनदीप डुली, आनंद वर्धन, ओएसडी हिमांशु वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.