नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारत की प्रथम रीजनल रेल के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की पहली सुरंग का मेरठ में शनिवार को ब्रेकथू हुआ. सुदर्शन 8.3 (टनल बोरिंग मशीन) ने सुरंग का सफलतापूर्वक निर्माण करने के बाद बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन पर ब्रेकथ्रू किया. भारत की पहली रीजनल रेपिड ट्रेन के संचालन को लेकर वृहद स्तर पर कार्य प्रगति पर है.
इस मौके पर NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने एनसीआरटीसी के निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रिमोट का बटन दबाकर ब्रेकथ्रू की प्रक्रिया की शुरुआत की. प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि सुदर्शन 8.3 (टनल बोरिंग मशीन) को गांधी पार्क में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट से लॉन्च किया गया और अब इसे बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन से रीट्रीव किया जाएगा. पहली टनल के ब्रेकथ्रू की यह उपलब्धि 4 महीने के भीतर करीब 750 मीटर लंबी सुरंग की बोरिंग और निर्माण के बाद हासिल की गई है.
उन्होंने बताया कि यह टनलिंग का फर्स्ट ड्राइव है, जिसे सुदर्शन 8.3 द्वारा पूरा किया है. यही टीबीएम समानांतर टनल का निर्माण भी करेगी. इसलिए, टीबीएम को शॉफ्ट में ही डिस्मेंटल किया जाएगा और इसके कटर हेड और शील्ड को ट्रेलरों पर लादकर गांधी पार्क में स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट पर वापस लाया जाएगा. बैकअप गैन्ट्री या टीबीएम के बाकी हिस्सों को टनल के रास्ते ही वापस ले जाया जाएगा. एक बार जब यह लॉन्चिंग शॉफ्ट पहुंच जाएगी, तो इसे फिर से लॉन्च किया जाएगा. इस बीच, दो अन्य सुदर्शन, 8.1 और 8.2, भैसाली से फुटबॉल चौक तक 1.8 किमी लंबी समानांतर टनल बोर कर रहे हैं.
बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण टॉप-डाउन तकनीक से किया जा रहा है, जिसमें गहरी खुदाई करते हुए ऊपर से नीचे की दिशा में स्टेशन का निर्माण किया जाता है. इस स्टेशन के तीन लेवल हैं: मेजेनाइन, कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल. इस स्टेशन के मेजेनाइन और कॉनकोर्स लेवल का काम पूरा हो चुका है और फिलहाल प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण कार्य किया जा रहा है.
इस 750 मीटर लंबी सुरंग के निर्माण के लिए 3500 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है. टनलिंग प्रक्रिया में, इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है. प्रत्येक सेगमेंट 1.5 मीटर लंबा और 275 मिमी मोटा होता है. इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है. इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है.