नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की बैठक में मंगलवार को भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ आप ने निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया. इसका विरोध करते हुए भाजपा पार्षदों ने स्थाई समिति का गठन न करने को लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोला. साथ ही डेस्क पर चढ़कर सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी भी की. हंगामे को देखकर मेयर शैली ओबराय ने पार्षदों से शांत रहने की अपील की, लेकिन जब पार्षद नहीं माने तो मेयर ने बैठक को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. भाजपा पार्षदों कि तरफ से स्थायी समिति के गठन की मांग को लेकर के भी नारेबाजी की गई.
कई गुना बढ़ेगा रेगुलेटरी चार्ज:सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा पार्षदों ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में बिल्डिंग सेक्शन प्लान की दरें बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी जो प्रस्ताव लाई है, उससे सिर्फ बड़ी बिल्डिंग बनाने वालों को ही फायदा होगा. इस प्रस्ताव के लागू होने पर छोटा मकान बनाने वालों के लिए रेगुलेटरी चार्ज कई गुना बढ़ जाएगा, जिससे केवल भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा. गरीब लोग नक्शा पास करवाने से बचेंगे, जिससे दिल्ली में अवैध निर्माण में बेहताशा वृद्धि होगी. आम आदमी पार्टी कहती है कि उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है, जबकि दूसरी तरफ वह जनता पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा रही है.
अफसरशाही को मिलेगा बढ़ावा:उनकी तरफ से कहा गया कि दिल्ली नगर निगम द्वारा प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने पर भी एक प्रस्ताव लाया गया है. इस प्रस्ताव से अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा. जब कोई प्रस्ताव स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिए लाया जाता है, तो उसे पहले शिक्षा समिति में पास होने के बाद स्थाई समिति के समक्ष भी मंजूरी के लिए रखा जाता है, इसके बाद निगम से यह प्रस्ताव पास होकर मान्यता में बदलता है. इसके लिए शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है और अन्य सदस्य जैसे पार्षद, जनता और स्कूल की समस्याओं को सुनकर स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के संबंध में अपना सुझाव देते हैं.
एंटी लार्वा दवाओं का आभाव:भाजपा पार्षदों की तरफ से यह भी कहा गया कि इसी सुझाव के आधार पर स्कूलों की मान्यता का प्रावधान आगे बढ़ता था. अब यह कार्य अफसरों द्वारा किया जाएगा, जिससे अफसरशाही बढ़ेगी. भारतीय जनता पार्टी इस जनता विरोधी प्रस्ताव का विरोध करती है. आम आदमी पार्टी द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार की ऐसे ही पोल खोली जाती रहेगी. इसके अलावा बैठक में दिल्ली में बढ़ते मच्छर जनित बीमारियों पर चर्चा की गई. इसमें भाजपा द्वारा आरोप लगाया गया कि मच्छर के लार्वा को खत्म करने के लिए इस्तेमाल एंटी लार्वा दवाओं का आभाव है. जवाब में सत्ता पक्ष ने दावा किया कि निगम के पास न सिर्फ पर्याप्त एंटी लार्वा दवा है, बल्कि अगले साल तक का स्टॉक उपलब्ध है. इसके बाद सदन की बैठक स्थगित कर दी गई.