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Published : Aug 11, 2023, 7:46 AM IST

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राउज एवेन्यू कोर्टः फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर पीड़ित को झूठे रेप केस में फंसाने के आरोपी को मिली जमानत

फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर एक पीड़ित को झूठे रेप केस में फंसाने और उससे 10 लाख रुपये वसूलने के आरोपी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी. पीड़ित एनसी गोयल ने इस संबंध में केस दर्ज कराई थी. आरोपी हैदर को जमानत देने से पहले दो अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल गई थी.

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नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फर्जी सीबीआई अधिकारी बन पीड़ित को झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी देने और दस लाख रुपये वसूलने के आरोपी को गुरुवार को सशर्त जमानत दे दी है. कोर्ट के एसीएमएम दीपक कुमार ने आरोपी हैदर को सशर्त जमानत दी है. आरोपी हैदर खान पर जांच के बाद पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 389/506 व 67-ए आईटी 2000 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

शिकायतकर्ता एनसी गोयल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे 11 मार्च 2023 और 17 मार्च 2023 को व्हाट्सएप पर तीन भारतीय नंबरों से कई अश्लील ऑडियो और वीडियो कॉल आए, जिसको उसने नजरअंदाज किया. इसके बाद 20 मार्च को फिर एक नए नम्बर से उसे कॉल आई और उसने सीबीआई अधिकारी विक्रम गोस्वामी बताकर पीड़ित एनसी गोयल को झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी दी. इतना ही नहीं, उससे 10 लाख रुपये देने के लिए भी कहा. ऐसा न करने पर अंजाम भुगतने की भी धमकी दी.

पीड़ित को जिन नंबरों से कॉल आई थी, पुलिस द्वारा उन सभी नंबरों की सीडीआर रिपोर्ट की जांच करने पर पता चला कि ये सभी नम्बर 8 से 9 फोन में चल रहे हैं, जिनके साथ एक अन्य फोन सक्रिय है, जो कि अन्य सह आरोपी मोहिद के पास से बरामद हुआ. पुलिस द्वारा मोहिद को गिरफ्तार किया गया तो पूछताछ में उसने बताया कि ये फोन की सिम उसने अपने पिताजी के नाम से ली हुई थी और वो ही इस नंबर से फर्जी सीबीआई अधिकारी बन कर पीड़ित से 10 लाख रुपये की वसूली कर रहा था. पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर मोहिद ने एक और आरोपी साहिल का नाम बता दिया. साहिल को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया.

आरोपी के वकील ने कोर्ट से कहा कि आरोपी हैदर को सहआरोपी मोहिद और साहिल के बयान के बाद गिरफ्तार किया गया है जबकि आरोपी का इस मामले से कुछ लेना देना नही है. अभियोजन पक्ष के पास एक भी ऐसा साक्ष्य रिकॉर्ड पर नहीं है जिससे आरोपी का इस मामले में संलिप्तता साबित हो सके. वकील ने कोर्ट से कहा कि आरोपी की सारी जांच पुलिस द्वारा पूरी हो चुकी है, इसलिए आरोपी को और अधिक दिन हिरासत में रखने का औचित्य नहीं है. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से आरोपी को जमानत देने का विरोध किया और कहा कि अभी पुलिस द्वारा जांच चल रही है. साथ ही पुलिस को अभी राजस्थान से और भी सहआरोपियों की गिरफ्तारी करनी है, इसलिए आरोपी को इस समय जमानत देने का कोई औचित्य नहीं बनता है.

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