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AAP की टक्कर BJP से है, गौतम को क्लीन बोल्ड कर दूंगी: आतिशी

पूर्वी दिल्ली में काफी महीनों पहले से आम आदमी पार्टी की तरफ से आतिशी चुनाव प्रचार में पसीना बहा रही हैं. कांग्रेस और भाजपा की तरफ से चेहरा सामने नहीं होने से आतिशी की लड़ाई एक तरफा दिख रही थी लेकिन अभी भाजपा और कांग्रेस दोनों की तरफ से बड़े चेहरों के मैदान में उतारे जाने के बाद, कुछ समय पहले तक एकतरफा दिख रही पूर्वी दिल्ली की लड़ाई अब त्रिकोणीय हो गई है.

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Published : Apr 23, 2019, 8:39 PM IST

AAP की टक्कर BJP से है, गौतम को क्लीन बोल्ड कर दूंगी: आतिशी

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में हुए कामों को अपने सरकार की पहचान के रूप में दिखाया और इसका श्रेय मनीष सिसोदिया की सलाहकार रहीं आतिशी को दिया गया. उसी आतिशी को आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बनाया है.

AAP की टक्कर BJP से है, गौतम को क्लीन बोल्ड कर दूंगी: आतिशी

अब तक पूर्वी दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपना जीत सुनिश्चित देख रही थी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से स्थानीय उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली और भाजपा की तरफ से मशहूर क्रिकेटर गौतम गंभीर के आ जाने से कहीं ना कहीं आम आदमी पार्टी की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है.

इसे लेकर जब ईटीवी भारत ने आतिशी से सवाल किया तो उन्होंने कांग्रेस को चुनौती मानने से ही इंकार कर दिया. आतिशी ने कहा कि 'आम आदमी पार्टी की लड़ाई भाजपा से है, कांग्रेस का कोई उम्मीदवार हमारे लिए चुनौती नहीं हैं, उनका तीसरे नंबर पर आना तय है. उन्हें सोचना चाहिए कि जमानत भी बचेगी या नहीं.' आतिशी मानती हैं कि गौतम गंभीर को सामने लाकर भाजपा ने उनकी सहायता की है. आतिशी ने कहा कि गौतम गंभीर का ऊपर से लेकर नीचे तक विरोध हो रहा है. भाजपा के कार्यकर्ता नाराज हैं कि काम करें वो, दरियां बिछाएं वो और ऊपर से कोई पैराशूट कैंडिडेट दे दिया जाए.

कांग्रेस और भाजपा की तरफ से खड़े किए गए बड़े चेहरों के सामने आतिशी खुद को कहां देखती हैं, इसे लेकर सवाल पूछने पर आतिशी ने कहा कि पूर्वी दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूत है और चेहरा बड़ा होने से लोग रोड शो देखने आ सकते हैं. रैलियों में आते हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वे वोट भी देंगे.

'ये इलाका ब्राह्मण बहुल है'
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली का इलाका पूर्वांचल और ब्राह्मण बहुल है. ऐसे में भाजपा की तरफ से गौतम गंभीर के रूप में एक ब्राह्मण चेहरा उतारना भी जातिगत समीकरणों की साधने की कोशिश है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने अरविंदर सिंह लवली के जरिए स्थानीय मुद्दे को छुआ है. पूर्वी दिल्ली से अब तक कोई स्थानीय सांसद नहीं रहा है और लोगों के बीच यह मुद्दा भी है. कांग्रेस ने इसी स्थानीयता की नब्ज को पकड़ने की कोशिश की है. अब देखना यह है कि आम आदमी पार्टी के लिए आतिशी द्वारा लम्बे समय से सजाई जा रही फील्डिंग काम आती है, लवली के रूप में कांग्रेस की गुगली कमाल दिखाती है या फिर पूर्वी दिल्ली से जीत का चौका भाजपा के गंभीर लगाते हैं.

'चेतन चौहान को उतार चुका है भाजपा'
गौर करने वाली बात यह भी है कि 2009 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से चेतन चौहान के रूप में एक क्रिकेटर को ही मैदान में उतारा था, लेकिन चेतन चौहान भी उस समय पूर्वी दिल्ली में कमल नहीं खिला सके और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अब गौतम गंभीर के रूप में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से एक क्रिकेटर को मैदान में उतारा है. अब देखने वाली बात यह होगी कि गौतम गंभीर पूर्वी दिल्ली की सियासी पिच पर जीत का चौका लगा पाते हैं या नहीं.

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