नई दिल्ली/गाजियाबाद:साल 2024 को लेकर जहां सबके मन में खुशी और उत्साह है, वहीं लोग यह जानने को भी उत्सुक हैं कि आने वाला साल कैसा रहेगा. इस बारे में ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि ज्योतिषीय दृष्टि से कन्या लग्न में नव वर्ष 2024 का शुभारंभ हो रहा है. प्रवेश कालीन कुंडली के अनुसार चतुर्थ भाव में सूर्य-मंगल का प्रभाव पूरे वर्ष रहेगा. इस साल भारत में आंतरिक व्यवस्थाओं में परिवर्तन होने की संभावना है. वहीं लग्न सप्तम में नीचस्थ केतु और राहु के प्रभाव से देश को विद्वेष, हिंसा, अराजकता का भी सामना करना पड़ेगा.
वहीं वर्ष प्रवेश काल के समय चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति और राहु मूल नक्षत्रों में है, जो वर्ष 2024 में भारत को मजबूत राष्ट्र तो बनाएगा, लेकिन सीमा पर हलचल भी बढ़ेगी. वहीं आंतरिक शत्रु षड्यंत्र रचेंगे लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से शत्रुओं की चुनौती का जवाब भी दिया जाएगा. वहीं इस साल अराजकता और आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं. इसके अलावा शक्तिशाली राष्ट्रों के बीच विद्रोह या युद्ध की संभावना बनेगी. हालांकि भारत की आर्थिक, सामाजिक और सामरिक स्थिति मजबूत होगी. जानिए अपना वार्षिक राशिफल..
मेष राशि:मेष राशि के जातकों पर इस वर्ष शनि की विशेष कृपा रहेगी. बृहस्पति भी मेष राशि में रहेंगे. इस साल आपके जीवन में प्रगति के रास्ते खुलेंगे. धन-धान्य की वृद्धि होगी और परिवार में उत्सव का माहौल बनेगा. हालांकि मेष राशि के जातकों को क्रोध पर नियंत्रण रखकर खुद को विवादों से बचाना होगा. अपने रहस्य किसी के सामने प्रकट न करें. व्यवसाय अथवा नौकरी पेशा वाले व्यक्तियों के इस वर्ष से प्रमोशन, वेतन वृद्धि के योग बन रहे हैं.
वृषभ राशि:वृषभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए यह वर्ष सकारात्मक संदेश लेकर आएगा. बृहस्पति के बारहवें में स्थान में होना कुछ कष्टकारी है, जिससे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. संतुलित भोजन करने, योगाभ्यास अथवा ध्यान करने से आपको शांति मिलेगी. धन-धान्य के लिए किए गए प्रयास सफल होंगे. आर्थिक लाभ होगा. किसी मित्र अथवा दूरस्थ रिश्तेदार की सहायता से धन की वृद्धि होगी या कोई काम बनेगा. माता-पिता से संबंध अच्छे रखें, क्योंकि माता-पिता से संबंध अच्छे होंगे तो आपकी प्रगति, प्रमोशन कोई रोक नहीं पाएगा. इस वर्ष भावुकता से बचें और गरीब और मजदूर का अनादर न करें. परिवार में नवीन सदस्य के आगमन से प्रसन्नता मिलेगी. वाहन धीमे चलाएं और वाणी पर नियंत्रण रखें. वृषभ राशि के जातक मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्री सूक्त का पाठ करें.
मिथुन राशि:मिथुन राशि के जातकों के लिए चतुर्थ स्थान में केतु का प्रभाव वर्ष भर बना रहेगा. इससे सुख शांति के किए गए प्रयासों में सफलता की संभावना कम है. किंतु धनागम के स्रोत बने रहेंगे, क्योंकि भाग्य भाव में शनि अपनी राशि में रहेगा. मिथुन राशि के व्यक्तियों को इस वर्ष बाहरी संबंधों से अधिक लाभ मिलेंगे. वहीं दूरस्थ स्थानों की यात्रा के भी योग हैं. साथ ही विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं. अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें और खान-पान पर ध्यान दें तो आपको अच्छा फल मिलेगा. पत्नी के साथ संबंध अच्छे रखें, धन की प्राप्ति निरंतर होती रहेगी. बेचैनी का अनुभव हो सकता है. मां दुर्गा की पूजा करें, शांति मिलेगी.
कर्क राशि:कर्क राशि के जातकों के लिए शनि की ढैया कुंभ राशि में चलती रहेगी. लेकिन कुंभ राशि में शनि अपने ढैया में भी लाभ देते रहेंगे. अनावश्यक विवाद से बचें. कोर्ट-कचहरी आदि के दुर्योग बन सकते हैं. लेकिन समझदारी से काम लेंगे तो ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम होगा. घर के बड़े बुजुर्गों की सहायता से आपको अनावश्यक विवादों से से मुक्ति मिल सकती है. कहीं पूंजी निवेश करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, लाभ होगा. भूमि भवन का क्रय-विक्रय करना हो तो यह वर्ष आपके के लिए अच्छा है. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और वाहन धीमे चलाएं. भगवान गणेश जी की पूजा करें और मंदिर में लड्डू का भोग लगाएं.
सिंह राशि:सिंह राशि के जातकों के लिए अष्टम भाव में राहु चलते रहेंगे. यह किसी दुर्घटना या बीमारी का संकेत है. वाणी पर नियंत्रण रखें और सोच समझकर कार्य करें तो अच्छा रहेगा. अच्छी बात यह है कि राहु और केतु अपना नकारात्मक प्रभाव कम है, लेकिन विशेष सावधानी रखनी आवश्यक है. व्यवसाय और नौकरी में निरंतर लाभ होगा. घर के सुख संसाधनों में व्यय की अधिकता रहेगी. क्रोध पर नियंत्रण रखें और धैर्य बनाए रखें तो कार्य निर्विघ्न पूरे होंगे. छोटी यात्राएं या धार्मिक यात्राएं खूब होंगी. भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय और गायत्री मंत्र का जाप करने से बाधाएं दूर होंगी.