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Published : Jan 28, 2023, 11:26 AM IST

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Delhi NCR Pollution: एनसीआर में प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं, खराब कैटेगरी में AQI

दिल्ली और एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स में एक बार फिर गिरावट देखने को मिला है. प्रदूषण में आई गिरावट के बाद एनसीआर वासियों ने राहत की सांस ली है. वहीं, दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका नेहरू नगर में दर्ज किया गया, जहां का एक्यूआई 276 दर्ज किया गया, जो एक्यूआई खराब कैटेगरी में आता है.

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एनसीआर में प्रदूषण का स्तर

नई दिल्ली/गाजियाबाद : शनिवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई है. प्रदूषण में आई गिरावट के बाद एनसीआर वासियों ने राहत की सांस ली है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे दर्ज किया गया है. हालांकि दिल्ली का प्रदूषण स्तर पर खराब कैटिगरी में बरकरार है. गाजियाबाद और नोएडा की हवा में भी काफी सुधार देखने को मिला है.

दिल्ली के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर 217
शादीपुर 292
डीटीयू दिल्ली 159
आईटीओ दिल्ली 209
सिरी फोर्ट 219
मंदिर मार्ग 205
आरके पुरम 238
पंजाबी बाग 240
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 233
नेहरू नगर 276
द्वारका सेक्टर 8 254
पटपड़गंज 231
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 234
अशोक विहार 166
सोनिया विहार 242
जहांगीरपुरी 266
रोहिणी 254
विवेक विहार 256
नजफगढ़ 202
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 228
नरेला 220
ओखला फेस टू 223
बवाना 242
श्री औरबिंदो मार्ग 235
आनंद विहार 258
IHBAS दिलशाद गार्डन 171

गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

गाजियाबाद के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 210
इंदिरापुरम 132
संजय नगर 129
लोनी 199

नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

नोएडा के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62 196
सेक्टर 125 168
सेक्टर 1 126
सेक्टर 116 138


Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी:वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा:डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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