नई दिल्ली/नोएडा: 2 करोड़ 33 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे एक कंपनी के निदेशक को नोएडा के थाना फ़ेस 1 पुलिस ने मंगलवार को लंदन से लौटते ही दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के खिलाफ नोएडा पुलिस ने कुछ समय पहले लुकआउट नोटिस जारी किया था. आरोपी की पहचान दिल्ली के मधु विहार निवासी श्रवण कुमार चौधरी के रूप में हुई है. मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी लंदन भाग गया था. नोएडा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.
उसे एआईजी एयरपोर्ट नई दिल्ली के टर्मिनल तीन के गेट नंबर पांच से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि 31 जुलाई 2023 को सेक्टर-19 के सुशील कुमार ने फेज वन में दी शिकायत में बताया कि दिल्ली निवासी श्रवण कुमार ने उनसे कहा कि वह गुजारा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का निदेशक है. कहा कि हरौला के सेक्टर पांच में गुजारा कंस्ट्रक्शन के नाम पर 423 वर्ग गज का एक व्यावसायिक कांप्लेक्स बेसमेंट से सात मंजिल तक बना है.
शिकायतकर्ता से पूरे कांप्लेक्स का आधा हिस्सा खरीदने के लिए नौ करोड़ 50 हजार रुपये में सौदा तय किया. इसको लेकर 25 नवंबर 2022 को शिकायतकर्ता और श्रवण के बीच करार हुआ. इकरारनामा के समय ही शिकायतकर्ता ने कंपनी के निदेशक को बतौर टोकन मनी 90 लाख रुपये दे दिए. इसके बाद बने इकरारनामे को रजिस्टर्ड कराने के लिए शिकायतकर्ता बार-बार श्रवण से बोलता रहा.
इसी बीच शिकायतकर्ता ने श्रवण कुमार के बताए गए खाते में एक करोड़ 43 लाख नौ हजार 13 रुपये ट्रांसफर कर दिए. इकरारनामे में शर्त लिखी गई थी कि विक्रेता श्रवण चौधरी की तरफ से रजिस्ट्री और मुटेशन में कोई दिक्कत आती है तो सौदा कैंसिल समझा जाएगा. उसे क्रेता की तरफ से दिए गए रुपयों को विक्रेता को वापस करना होगा.
शिकायतकर्ता ने बताया कि दो करोड़ से अधिक की रकम ट्रांसफर करने के बाद जब उसने श्रवण पर रजिस्ट्री के लिए दबाव बनाया तो वह टालमटोल करने लगा. संदेह होने पर शिकायतकर्ता रजिस्ट्रार ऑफिस गया. वहां उसे जानकारी हुई कि संबंधित प्रापर्टी की रजिस्ट्री नहीं हो सकती क्योंकि प्रॉपर्टी नोएडा प्राधिकरण के नाम पर दर्ज है. इसका मुटेशन गुजारा कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता है. जब तक गुजारा कंस्ट्रक्शन के नाम पर मुटेशन नहीं होगा तब तक शिकायतकर्ता के नाम पर इसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है. जब उसने कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों से पता किया गया तो सामने आया कि वहां का अधिकांश हिस्सा पहले ही बिक चुका है.