नई दिल्ली: पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण मामले की जांच तेज हो गई है. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने जांच तेज कर दी है. दरअसल, पहलवानों ने बुधवार को खेल मंत्री से मुलाकात कर अपना आंदोलन 15 जून तक स्थगित करने पर सहमति जताई थी. खेल मंत्री ने पुलिस को 15 जून तक मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट में फाइल करने के लिए कहा है. 15 जून या उससे पहले दिल्ली पुलिस कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करेगी या आरोप पत्र दाखिल करेगी.
यह है प्रक्रिया:कानून के जानकार साकेत कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार सिंह ने बताया कि आपराधिक मामले में अगर पुलिस आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करती है तो कोर्ट उस पर संज्ञान लेकर ट्रायल चलाती है. वहीं यदि पुलिस कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर मामले को बंद करने का अनुरोध करती है तो पीड़ित पक्ष को प्रोटेस्ट पिटीशन फाइल करने का अधिकार होता है. इस पर सुनवाई के बाद अगर कोर्ट को लगता है कि जांच में कमी है तो उसके बारे में सुझाव देते हुए दोबारा जांच करने का आदेश दे सकती है.
पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट मामले में कोई धारा जोड़कर या हटाकर भी ट्रायल शुरू करने का आदेश दे सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि पुलिस की ओर से दाखिल रिपोर्ट में कुछ धाराएं जोड़कर या घटाकर ट्रायल चलाने का आदेश कोर्ट दे दे. एडवोकेट ने बताया कि पुलिस की ओर से पेश की गई रिपोर्ट और उसके तथ्यों पर भी यह निर्भर होता है कि कोर्ट क्या निर्देश देता है.