नई दिल्ली:दिल्लीएम्स में बतौर मुख्य अतिथि 48वें दीक्षांत समारोह को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि किसी संस्थान की ताकत उसके शिक्षक और वहां के कर्मचारी होते हैं. संस्थान में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी के अपनी पूरी जिंदगी उस शिक्षक को याद रखना चाहिए, जिसने उसके करियर को तराशने और एक बेहतर इंसान बनाने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश में एम्स का कोई मुकाबला नहीं है. न ही देश में एम्स का कोई विकल्प है.
समारोह के दौरान उन्होंने एम्स की पूर्व शिक्षक प्रो. विजयलक्ष्मी भार्गव, प्रो. एसके कपूर, प्रो. एमपी शर्मा, प्रो. श्रीनिवास, प्रो. एलएम श्रीवास्तव और प्रो. आरएल श्रीवास्तव को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि ये लोग प्रेरणा और प्रतिबद्धता के स्त्रोत हैं. उन्होंने डिग्री पाने वाले सभी विद्यार्थियों से कहा कि एक बार जरूर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड पाने वाले इन छह व्यक्तियों के बारे में पढ़े और उनकी प्रतिबद्धता को जाने.
देश ने अपने दम पर कोरोना की लड़ाई जीती:धनखड़ ने कहा कि हमारे देश ने अपने दम पर कोरोना की लड़ाई लड़ी और जीती. यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है. किसी भी देश की प्रगति उसकी स्वास्थ्य नीति पर निर्भर करती है. सरकार एक अरब 30 करोड़ भारतीयों के स्वास्थ्य की प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. निरोगी काया दुनिया का सबसे बड़ा सुख है. उन्होंने कहा देश में एम्स का कोई मुकाबला नहीं है.