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AIIMS Convocation: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- देश में AIIMS का कोई विकल्प नहीं

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Published : Aug 21, 2023, 8:06 PM IST

एम्स के 48वें दीक्षांत समारोह को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया. उन्होंने कहा कि करियर को तराशने वाले शिक्षक को पूरी जिंदगी याद रखना चाहिए. इस दौरान 2494 छात्र छात्राओं को डिग्रियां बांटी गई.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

नई दिल्ली:दिल्लीएम्स में बतौर मुख्य अतिथि 48वें दीक्षांत समारोह को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि किसी संस्थान की ताकत उसके शिक्षक और वहां के कर्मचारी होते हैं. संस्थान में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी के अपनी पूरी जिंदगी उस शिक्षक को याद रखना चाहिए, जिसने उसके करियर को तराशने और एक बेहतर इंसान बनाने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश में एम्स का कोई मुकाबला नहीं है. न ही देश में एम्स का कोई विकल्प है.

समारोह के दौरान उन्होंने एम्स की पूर्व शिक्षक प्रो. विजयलक्ष्मी भार्गव, प्रो. एसके कपूर, प्रो. एमपी शर्मा, प्रो. श्रीनिवास, प्रो. एलएम श्रीवास्तव और प्रो. आरएल श्रीवास्तव को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि ये लोग प्रेरणा और प्रतिबद्धता के स्त्रोत हैं. उन्होंने डिग्री पाने वाले सभी विद्यार्थियों से कहा कि एक बार जरूर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड पाने वाले इन छह व्यक्तियों के बारे में पढ़े और उनकी प्रतिबद्धता को जाने.

देश ने अपने दम पर कोरोना की लड़ाई लड़ी और जीती. यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है.

देश ने अपने दम पर कोरोना की लड़ाई जीती:धनखड़ ने कहा कि हमारे देश ने अपने दम पर कोरोना की लड़ाई लड़ी और जीती. यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है. किसी भी देश की प्रगति उसकी स्वास्थ्य नीति पर निर्भर करती है. सरकार एक अरब 30 करोड़ भारतीयों के स्वास्थ्य की प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. निरोगी काया दुनिया का सबसे बड़ा सुख है. उन्होंने कहा देश में एम्स का कोई मुकाबला नहीं है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- देश में AIIMS का कोई विकल्प नहीं

मांडविया ने डॉक्टरों की सराहना की: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मंंत्री मनसुख मांडविया ने समारोह में डिग्री लेने वाले डाक्टरों से कहा कि आपने जो ज्ञान लिया है उसका उपयोग अब समाज के लिए करना है. माता-पिता के साथ-साथ समाज देश को भी आपसे उम्मीदें हैं. उन्होंने डाक्टरों से चिकित्सा सुविधाओं को किफायती और सुलभ बनाने में योगदान देने और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सेवा देने की अपील की. मांडविया ने कहा कि एम्स से पढ़े डाक्टरों के लिए हर अस्पताल का दरवाजा खुला रहेगा. इस दौरान 2494 विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी गई.

एम्स निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने बताया कि एम्स की ओपीडी में कोरोना काल से पहले की तरह भीड़ बढ़ गई है. श्रीनिवास ने कोरोना काल में एम्स की ओपीडी में देखे गए मरीज, आईपीडी में भर्ती किए गए मरीज और सर्जरी किए जाने वाले मरीजों का लेखा जोखा पेश किया. साथ ही कोरोना काल के बाद एम्स की ओपीडी, आईपीडी और सर्जरी में मरीजों की बढ़ी हुई संख्या की भी जानकारी दी.

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