नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित पीवीआर सिनेमा में 'द केरला स्टोरी' फिल्म को देखा. इस दौरान उनके साथ एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय और भाजपा के नेता राजन तिवारी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. वहीं फिल्म देखने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आज मैं देश के हर माता-पिता से अपील करना चाहती हूं, कुछ लोगों के लिए यह कल्पना है लेकिन बहुत सारी लड़कियों और उनके परिवारों के लिए केरल प्रदेश में यह एक हकीकत है. फिल्म के अंत में रियल विक्टिम्स का स्टेटमेंट है, विक्टिम के परिवार फिल्म के अंत में देश के सामने यह अपील कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि साल 2017 में नेशनल कमिशन ऑफ वूमेन धर्मांतरण के संदर्भ में एक रिपोर्ट के माध्यम से केरल पुलिस को कुछ तथ्य सौपे थे, यह विषय सार्वजनिक जानकारी में भी है. वह राजनीतिक दल जो लड़कियों के एंटरेपमेंट जबरदस्ती धर्मांतरण आईएसआईएस ब्राइड्स को झूठलाते हैं. उनसे मैं अपील करना चाहती हूं कि यह फिल्म आतंक और आतंकवादियों के खिलाफ है. अगर आपने इस फिल्म को अपने प्रदेश में प्रदर्शित करने से रोका है तो आप देश को यह संकेत और संदेश दे रहे हैं कि आप आतंक के समर्थक हो. आप महिला सुरक्षा और बेटियों की सुरक्षा के समर्थक नहीं हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि मैं राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर आज विशेष रूप से जनता से कहती हूं कि वो राजनीतिक दलों का विशेष तौर पर निषेध करें. जिन्होंने इस फिल्म के माध्यम से जो तथ्य सामने आए हैं, उनका विरोध करने का दुस्साहस किया है. इस फिल्म में सच्चाई है और जिन राजनीतिक दलों ने इसे नकारा है, उन पर यह आरोप है कि वह महिलाओं के फोर्स फुल कन्वर्जन उनके एंटरेपमेंट का समर्थन करते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि शशि थरूर की यह कहानी नहीं हो सकती क्योंकि शशि थरूर का वास्ता ऐसी साधारण महिलाओं से नहीं है. भारत सरकार से मेरी अपील है जो लोग फिल्मेकर्स को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए.