नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में भारतीय सिल्क निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सिल्क मेले के सातवें संकरण का आयोजन किया गया.
देश के विभिन्न हिस्सों में निर्मित रेशम और मिश्रित रेशम उत्पादों के करीब 125 प्रदर्शकों ने भारतीय सिल्क निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय सिल्क मेले में अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया.
भारतीय सिल्क निर्यात संवर्धन परिषद के सदस्य 'दूरस्थ क्षेत्र की कंपनियों को प्राथमिकता दी गई'
भारतीय सिल्क निर्यात संर्वधन परिषद के अध्यक्ष डॉ. बिमल मवंदिया ( Dr BIMAL MAWANDIA) ने ईटीवी भारत को बताया की प्रदर्शनी में भारत भर से करीब 125 कंपनियों ने भाग लिया है.
भारतीय अंतरराष्ट्रीय सिल्क मेले में विभिन्न सिल्क व्यापारियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में उन कंपनियों को प्राथमिकता दी गई है जो कि दूरस्थ क्षेत्र जैसे गुवाहटी, जम्मू कश्मीर और भागलपुर से हैं, साथ ही विभिन्न महानगरों के क्षेत्रीय निर्यता भी प्रदर्शनी में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं.प्रदर्शनी में जम्मू कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट के कारीगरों की विशेष उपस्थिति है, जो अपने क्षेत्र के अनूठे उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं, साथ ही जम्मू कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट के उत्पाद खरीदारों को अपनी तरफ काफी आकर्षित करते नजर आ रहे हैं.
50 मिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार सृजित होने की उम्मीद
तीन दिवसीय भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सिल्क मेले से सिल्क उत्पादन और मिश्रित सिल्क वस्त्रों, कपड़ों, सहायक वस्तुओं और फ्लोर कवरिंग में लगे लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का व्यापार सृजित होने की उम्मीद है.
तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सिल्क मेला केवल खरीदारों विक्रेताओं और विशेष रूप से आमंत्रित लोगों के लिए खुला है. हालांकि इसमें आम जनता के प्रवेश की अनुमति नहीं है.