नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन (डूटा) का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे शिक्षक संगठनों द्वारा चुनाव प्रचार अभियान तेज किया जा रहा है. प्रमुख प्रतिद्वंदी शिक्षक संगठन एकेडमिक्स फाॅर एक्सन एंड डेवलपमेंट टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) और नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) दोनों के उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि, मौजूदा डूटा अध्यक्ष और फिर से उम्मीदवार बनाए गए प्रो. एके भागी ने कहा कि उन्होंने पिछले चुनाव से पहले किए गए कई वादों को पूरा कर दिया है. साथ ही बचे हुए वादों को भी पूरा करने के लिए मेहनत की जा रही है.
लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा संघर्ष: उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में इतने बड़े स्तर पर पदोन्नति कभी नहीं हुई, जो मेरे कार्यकाल में मेरे प्रयास से हुई है. इसके अलावा शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया भी बहुत सालों बाद डीयू में शुरू हुई, जिसमें अभी तक 2,900 से ज्यादा शिक्षकों को स्थायी किया जा चुका है.
स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में जो एडहॉक टीचर्स डिस्प्लेस्ड हुए थे, उनको भी आंदोलन करके रिअप्वाइंट कराया गया. साथ ही शिक्षकों की समस्याओं और अन्य लंबित मांगों को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है.
किया जीत का दावा:उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार पिछली बार से और ज्यादा व्यापक जन समर्थन मिलेगा और एनडीटीएफ रिकॉर्ड जीत हासिल करेगी. जो मुद्दे अभी लंबित रह गए हैं उनके लिए दिल्ली सरकार को कदम उठाना होगा. इसके लिए चुनाव के बाद हम संगठन के स्तर पर भी फिर से प्रयास करेंगे.
शिक्षा मंत्री ने किया आश्वस्त: दरअसल, दिल्ली सरकार के 12 कॉलेज में शिक्षकों के नियमित वेतन की समस्या लगातार बनी हुई है. इसके लिए भी डूटा की ओर से प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे की 25 प्रतिशत सीटों को शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी द्वारा आवंटित करने के लिए भी वे शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जब डीयू शिक्षकों के खाली 75 प्रतिशत पदों को भर लेगा, तब शिक्षा मंत्रालय की ओर से ईडब्ल्यूएस की 25 प्रतिशत सीटें भी आवंटित कर दी जाएगी.