नई दिल्लीः पूरी दुनिया में 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य ब्रेन ट्यूमर को लेकर लोगों को जागरूक करना है. विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस 2023 की थीम यूनाइटिंग फॉर होप: एम्पावरिंग ब्रेन ट्यूमर पेशेंट्स है. ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में उत्पन्न हो सकता है और शरीर के अन्य हिस्सों जैसे गुर्दे, स्तन, फेफड़े, आंत आदि से कैंसर के मेटास्टेसिस के कारण भी ट्यूमर हो सकता है.
मैक्स अस्पताल के पीडियाट्रिक हेमैटोलॉजिस्ट एवं ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहित कपूर का कहना है कि मस्तिष्क या शरीर की केंद्रीय रीढ़ में ऊतक की असामान्य वृद्धि को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. यह उचित मस्तिष्क कार्य को बाधित कर सकता है. उन्होंने बताया कि आजकल बच्चों में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले देखने को मिल रहे हैं. ट्यूमर के दो मुख्य प्रकार होते हैं. घातक और सौम्य (गैर-घातक) ट्यूमर. सौम्य ब्रेन ट्यूमर बिना कैंसर वाले होते हैं, जबकि घातक प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर कैंसर होते हैं.
सीटी स्कैन और एमआरआई से ट्यूमर की पहचान:डॉक्टर रोहित के अनुसार सीटी स्कैन और एमआरआई से ट्यूमर की पहचान होती है. यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है, इसलिए चिकित्सा विशेषज्ञ दुनियाभर में एकजुट होकर ब्रेन ट्यूमर के लिए समय पर पहचान और तत्काल चिकित्सा उपचार की महत्ता पर जोर देते हैं. चिंताजनक वैश्विक और भारतीय आंकड़े उच्चतम जागरूकता और सक्रिय उपायों की आवश्यकता को साबित करते हैं. वैश्विक रूप से ब्रेन ट्यूमर सभी कैंसरों का लगभग दो प्रतिशत हिस्सा है, जो एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है. केवल भारत में ही ब्रेन ट्यूमर के वार्षिक रूप से लगभग 40 हजार नए मामले रिपोर्ट होते हैं. ये आंकड़े तत्काल कार्रवाई और जागरूकता बढ़ाने की महत्ता को साबित करता हैं.
मैक्स अस्पताल में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉक्टर मनीष वैश ने बताया कि ट्यूमर विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है, जैसे कि बिनाइन और मेलिगनेन्ट. वहीं ब्रेन ट्यूमर के सामान्य प्रकार में शामिल हैं ग्लियोमा, मेनिंजियोमा, पिटुईटरी एडिनोमा और अकूस्टिक न्यूरोमा. पहले स्तर पर ट्यूमर का पता चलने पर अधिक प्रभावी उपचार और मरीजों का सफल इलाज हो सकता है. अगर किसी को भी ट्यूमर के लक्षण दिखता हैं, तो उसे तत्काल न्यूरो स्पेशलिस्ट से सलाह लेना चाहिए.