नई दिल्ली/गाजियाबाद:देशभर मेंचैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस साल 22 मार्च से हो रही है. श्रद्धालुओं को इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस त्योहार में मंदिर और पंडालों की सजावट भव्य तरीके से होती है. साथ ही त्योहार के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में जाकर दुर्गा माता के दर्शन करते हैं. ऐसे में अब गाजियाबाद में आगामी त्योहारों के मद्देनजर धारा 144 लागू की गई है. अपर जिला मैजिस्ट्रेट व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी ने धारा 144 को लेकर आदेश जारी किया है. 25 अप्रैल तक जिले में धारा 144 लागू रहेगी.
Ghaziabad Section 144 imposed: गाजियाबाद में 25 अप्रैल तक धारा 144 लागू, त्योहारों को देखते हुए फैसला - Chaitra Navratri
चैत्र नवरात्र 2023 को लेकर देवी मंदिरों में तैयारियां जोरशोर से शुरू हो चुकी है. मंदिरों में रंग रोगन किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब आगामी त्योहारों के मद्देनजर गाजियाबाद में 25 अप्रैल तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है.
गाजियाबाद में 25 अप्रैल तक धारा 144 लागू
जारी आदेश में ये कहा गया:
- अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना धरना, जुलूस, प्रदर्शन आदि के लिए एकत्रित नहीं होंगे.
- कोई भी व्यक्ति, आयोजक, संस्था किसी सार्वजनिक स्थान पर जुलूस, शोभायात्रा, मजलिस एवं धार्मिक कार्यक्रम सक्षम प्राधिकारी या संबंधित मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना आयोजित नहीं करेगा.
- आदेश के मुताबिक चैत्र नवरात्रि पर्व के दौरान 22 मार्च से 30 मार्च की मध्य रात्रि तक मन्दिर परिसर के आसपास 500 मीटर के परिधि में मीट-मांसाहार की सभी दुकानें एवं होटल संचालन करने की अनुमति नहीं होगी.
- कोई व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह किसी भी सार्वजनिक स्थल व अपने घर की छत पर किसी प्रकार की ईंटें, पत्थर, कांच की बोतलें, एवं कोई भी ऐसा ज्वलनशील पदार्थ एकत्रित नहीं करेगा. जिससे मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता हो. इसके साथ न ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित कर सकता है.
- कोई भी पेट्रोल पम्प मालिक या खुदरा विक्रेता पेट्रोल व डीजल की बिकी वाहन के अतिरिक्त बोतल अथवा किसी कन्टेनर में नहीं करेंगे, क्योंकि यह संभावना है कि अराजक तत्व इस प्रकार खरीदे गए पेट्रोल डीजल का प्रयोग हिंसात्मक कार्यों के लिए कर सकते है.
- कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया या फिर प्रिन्ट मीडिया के माध्यम से ऐसी कोई बात नहीं कहेगा और न ही प्रकाशन के माध्यम से प्रसारित करेगा, जिससे सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचे.
- इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति व व्यक्तियों का समूह किसी प्रकार के धार्मिक वर्ग संबंधई अथवा जातिगत भावनाओं के भड़काने वाले नारे, पोस्टर आदि नहीं लगायेगा और न ही ऐसे पम्पलेट आदि का वितरण करेगा जिससे वर्ग विशेष अथवा जाति सम्बन्धी तनाव उत्पन्न होने की संभावना हो.
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