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निजामुद्दीन मरकज केस: तबलीगी जमात के 122 मलेशियाई नागरिकों को मिली जमानत - दिल्ली हाईकोर्ट ट्रायल

साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत दे दी है. चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुड मोहिना कौर ने मलेशियाई नागरिकों को दस-दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी.

122 Natives of Tabligi Jamaat got bail
तबलीगी जमात के 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत

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Published : Jul 8, 2020, 9:48 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत दे दी है. चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुड मोहिना कौर ने मलेशियाई नागरिकों को दस-दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी.

तबलीगी जमात के 122 मलेशियाई नागरिकों को मिली जमानत



चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया

साकेत कोर्ट ने 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर 59 चार्जशीटों पर संज्ञान लिया और सभी विदेशी नागरिकों को नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया. ये विदेशी नागरिक पिछले मार्च महीने में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

चार्जशीट में इन विदेशी नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि इन विदेशी नागरिकों ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है.



तेजी से मामले निपटाने का सुझाव दिया था

पिछले 2 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को सुझाव दिया था कि वो तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करते समय उन मामलों का पहले निष्पादन करें जिनमें आरोपी अपनी गलती मान चुके हों या जिसमें समझौते की गुंजाइश हो.

हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया था कि वो इन मामलों की सुनवाई के लिए एक तिथि और समय तय करे ताकि उन्हें तेजी से निपटाया जा सके.


देश और अपराध के मुताबिक वर्गीकरण का आदेश

हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सुझाव दिया था कि वो पहले तबलीगी जमात से जुड़े सभी मामलों का आरोपियों के देश के मुताबिक वर्गीकरण करें. मामलों का संज्ञान लेने के बाद अगर आरोपी अपना आरोपी स्वीकारते हैं या समझौता होता है तो उन्हें पहले निपटाया जाए.

कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति के लिए संबंधित देशों के उच्चायोग से भी आग्रह किया जा सकता है.

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