दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

नेशनल हेराल्ड मामला: राऊज एवेन्यू कोर्ट में अब 21 अक्टूबर को होगी सुनवाई - ईटीवी भारत लाइव

आज दोनों पक्षों ने सुनवाई टालने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 21 अक्टूबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है.

नेशनल हेराल्ड मामला: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में टाली सुनवाई

By

Published : Sep 28, 2019, 2:29 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 2:48 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. आज दोनों पक्षों ने सुनवाई टालने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 21 अक्टूबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है. पिछले 30 अगस्त को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया था. स्वामी का क्रॉस एग्जामिनेशन सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से वकील आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा ने किया था. क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान चीमा ने स्वामी को 1 अप्रैल 2008 का नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज अखबारों को दिखाया था जिसमें दोनों अखबारों के प्रकाशन को अस्थाई रुप से बंद करने की बात थी.

चीमा ने स्वामी से पूछा था कि क्या आपने उस दिन के संपादकीय को हू-ब-हू अपनी याचिका में लगाया था तब स्वामी ने कहा कि हमने उस आलेख के वेबलिंक का पूरा एड्रेस दिया है. हम कुछ भी छिपाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.

स्वामी ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन 7 अप्रैल 2016 से दूसरी जगह से शुरु किया गया. ये कोर्ट की ओर से समन जारी करने के बाद शुरु किया गया. इसलिए ये साफ है कि आठ साल बीत जाने के बाद काफी सोच समझकर इसे शुरु किया गया. जब प्रकाशन बंद किया गया था तो अखबार के सभी कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया गया था.

स्वामी ने कहा था कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि डीडीए और शहरी विकास मंत्रालय ने हेराल्ड हाउस लेने की कार्रवाई शुरु कर दी थी. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. स्वामी के इस बयान का वकील चीमा ने विरोध किया. चीमा ने पूछा कि क्या आप एजेएल के 2010-11 के बैलेंस शीट पर भरोसा करते हैं तब स्वामी ने कहा कि हम पहले उस पर भरोसा नहीं करते थे लेकिन जब हमारे गवाह ने वो हमें दिए तब हमें भरोसा हुआ. स्वामी ने कहा था कि बैलेंस शीट से ऐसा कहीं नहीं लगा कि बंदी स्थायी नहीं थी.

चीमा ने कहा था कि क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस ने एजेएल की मदद कर अपना कर्तव्य पूरा किया है. तब स्वामी ने कहा था कि अखबार को बंद करने की जानबूझकर योजना बनाई गई.

पिछले 4 फरवरी को भी सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया था. उसके बाद कई बार क्रॉस-एग्जामिनेशन टाला गया. क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान चीमा ने स्वामी से पूछा था कि क्या अभियुक्तों द्वारा नेशनल हेराल्ड को स्थायी रुप से बंद करना केस का मुख्य सार है. तब स्वामी ने इससे इनकार किया था. स्वामी ने कहा था कि हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन हमेशा के लिए बंद कर दिया गया.

सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि ये सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.

स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. जबकि गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है. जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं. यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए.

Last Updated : Sep 28, 2019, 2:48 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details