नई दिल्ली/गाजियाबाद:बारिश के बाद तापमान लुढ़कने से सर्दी का सितम बढ़ने लगा है. बढ़ती सर्दी के चलते बच्चों और बुजुर्गों में निमोनिया की शिकायत भी बढ़ रही है. जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में हर दिन तकरीबन दो दर्जन से अधिक बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. औसतन हर दिन पांच बच्चों को भर्ती किया जा रहा है. बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. ऐसे में ठंड बढ़ने से बच्चों में निमोनिया और संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.
नवंबर के आखिरी हफ्ते में बारिश होने से दिल्ली एनसीआर में ठंड बढ़ने लगी है. अस्पतालों में निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बी पी त्यागी के मुताबिक ठंड बढ़ने से अस्पताल में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं. चंद दिनों में इन मामलों में इजाफा देखा गया है. विशेष कर बच्चों और बुजुर्गों में निमोनिया की समस्या अधिक देखी जा रही है. विशेष कर न्यूरो कंप्रोमाइज पेशेंट में निमोनिया की समस्या उत्पन्न हो रही है.
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वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बी पी त्यागी के मुताबिक ठंड बढ़ने से इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के वायरस, बैक्टीरिया और फंगस बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. जब यह वाइरस सांस के रास्ते फेफड़ों तक पहुंचता है तो इससे इंफेक्शन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. कई बार इंफेक्शन होने के चलते पस बन जाता है. जिसको न्यूमाइटिस कहा जाता है. मौसम बदलने के साथ इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण