नई दिल्ली:अक्षरधाम के नजदीक स्थित यमुना खादर इलाके में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब इन लोगों के लिए सबसे अधिक समस्या टेंट और पीने के पानी व शौचालय की है. तमाम समाजसेवी संस्थाओं और नेताओं की ओर से लोगों के लिए भोजन तो जमकर उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन पीने के पानी और टेंट के अभाव में बहुत से लोग अभी परेशान हैं.
बाढ़ पीड़ितों के लिए टेंटों की कमी:अभी यहां पर सिर्फ 50 के करीब ही टेंट लगे हैं. बाकी सारे लोगों ने खुद से ही तिरपाल तानकर अपने लिए व्यवस्था की है, लेकिन यह व्यवस्था भी उनके लिए पर्याप्त नहीं है. लोग धूप से परेशान होकर गाड़ियों के नीचे चारपाई डालकर सोने को मजबूर हैं. यहां बाढ़ पीड़ित परिवारों की संख्या 300 से ज्यादा है, लेकिन इनके लिए टेंट की पर्याप्त व्यवस्था न होने से लोग परेशान हो रहे हैं. साथ ही बिजली की भी दिक्कत है.
जानवरों के लिए चारे का संकट:पालतू पशु गाय, भैंस, बकरी के लिए चारे की समस्या भी गंभीर हो गई है. फसल के साथ चारा भी डूब जाने से जानवरों के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है. अब यह लोग जिनके पास कुछ पैसे हैं उन पैसों से वह जैसे तैसे गाजीपुर से भूसा खरीद कर ला रहे हैं और इन जानवरों को खिला रहे हैं. लोगों का कहना है कि हमें भोजन खिलाने के साथ ही जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था होनी भी जरूरी है. चार दिन से जानवरों को भरपेट चारा नहीं मिला है. बता दें, यमुना खादर में रह रहे लोग खेती करने के साथ ही पशुपालन भी करते हैं. बुधवार रात पानी आने के बाद ये लोग खुद निकलकर आ गए थे. जो लोग नहीं निकल सके थे उनको जिला प्रशासन और एनडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू किया गया.
50 से ज्यादा कुत्तों को किया गया रेस्क्यू:मयूर विहार के एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने बताया कि गुरुवार दोपहर तक लोगों को निकलने का काम पूरा हो गया था. इसके बाद कुत्ते, बकरी और गाय व भैंस रह गई थीं. उनको भी निकालने का काम शुक्रवार दोपहर तक पूरा हो गया है. इस दौरान 50 से ज्यादा कुत्तों को कुछ एनजीओ की मदद से निकाला गया है.