दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन, महिला योद्धाओं की वीरता पर नाट्य मंचन की प्रस्तुति - डांसर एवं कोरियोग्राफर पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद

इंडिया गेट स्थित कर्तव्य पथ पर बुधवार को दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल (Delhi International Arts Festival) का आयोजन किया गया. इसमें पद्मश्री और प्रसिद्ध कोरियोग्राफर प्रतिभा प्रह्लाद ने भारत की तरफ से अंग्रेजों के खिलाफ अपनी वीरता का परिचय देनेवाली महिला योद्धाओं पर नाट्य मंचन की प्रस्तुति दी. उन्होंने इसमें रानी लक्ष्मी बाई की प्रस्तुति दी.

17335646
17335646

By

Published : Dec 28, 2022, 8:22 PM IST

नई दिल्ली: इंडिया गेट स्थित कर्तव्य पथ पर बुधवार को दिल्ली इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल (Delhi International Arts Festival) का आयोजन किया गया, जिसमें अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाली महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष डांस थिएटर का मंचन किया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध डांसर एवं कोरियोग्राफर पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद द्वारा इसकी प्रस्तुति की गई. (theatrical staging on gallantry of women warriors)

इसमें प्रतिभा प्रह्लाद, शोभना नारायण, अनीता रत्नम, आलेख्य पुंजला, गोपिका वर्मा, शारोदी सैकिया और मीरा दास ने अपनी-अपनी शैली में प्रस्तुति दी. वहीं भारत के अलावा श्रीलंका, अमेरिका, मलेशिया, मॉरीशस, हंगरी और जापान के दर्जनों विदेशी कलाकारों ने कार्तव्यपथ में दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव में अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

पद्मश्री प्रतिभा प्रह्लाद ने रानी लक्ष्मी बाई की प्रस्तुति दी.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और प्रसिद्ध फाउंडेशन ने भारत भूमि के लिए लड़ने वाली बहादुर महिलाओं को श्रद्धांजलि दी है. इस प्रस्तुति की अवधारणा प्रतिभा प्रह्लाद ने जबकि कोरियोग्राफी प्रतिभा प्रह्लाद, शोभना नारायण और अनीता रत्नम द्वारा की गई थी. लक्ष्मीबाई की भूमिका प्रतिभा प्रह्लाद ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति देकर की, उनकी इस प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था. भारत की बहादुर महिलाएं एक बहु-शैली नृत्य नाट्य प्रस्तुति है, जिसमें देश भर के प्रसिद्ध और सम्मानित शास्त्रीय और समकालीन वरिष्ठ नर्तक और रंगमंच कलाकार शामिल होते हैं.

प्रतिभा प्रह्लाद ने कहा कि हमारा यह कार्यक्रम उन महिला योद्धाओं के जीवन पर आधारित हैं, जिन्होंने देशभक्ति और अपनी मातृभूमि के लिए हथियार उठाया और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से लड़ने के लिए युद्ध के मैदान में उतरी. स्वतंत्रता संग्राम उन हजारों योद्धाओं की कहानियों से भरा है, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अंतिम सांस तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. इन महिला योद्धाओं ने तब तलवार उठाई, जब पुरुषों ने हार मान ली या लड़ते हुए शहीद हो गए. उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई की उस वाक्य को उद्धृत किया जिसमें उन्होंने कहा था, "भगवान कृष्ण के शब्दों में कहें तो यदि हम विजयी होते हैं, तो हम विजय के फल का आनंद लेंगे. यदि युद्ध के मैदान में पराजित और मारे जाते हैं, तो हम निश्चित रूप से अनन्त यात्रा और मोक्ष को अर्जित करेंगे."

तमिलनाडु की रानी वेलु नचियार, कर्नाटक की रानी चेन्नम्मा, मध्य प्रदेश की रानी अवंती बाई, उत्तर प्रदेश की रानी लक्ष्मी बाई और बेगम हजरत महल, असम की कनकलता बरुआ और इंडियन नेशनल आर्मी की कैप्टन लक्ष्मी सहगल जैसी महिला योद्धाओं का अदम्य साहस इस प्रस्तुति के माध्यम से सेलिब्रेट किया जाता है.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details