नई दिल्ली:दिवाली से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स में बड़ा इजाफा होना खतरनाक माना जा रहा है. आज सुबह एनसीआर के कई इलाके स्मोग की चादर में लिपटे दिखाई दिए. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 265, गाज़ियाबाद का 310, नोएडा का 289 और ग्रेटर नोएडा का 260 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब (Air got worse in Delhi NCR) श्रेणी में है. जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.
दिवाली से पहले प्रदूषण में हो रही बढ़त को खतरनाक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में और बढ़ोतरी होने की आशंका है.(Pollution of Delhi NCR after Diwali) मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिनों में प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने की कोई उम्मीद नही है. दिवाली के दौरान अगर अधिक पटाखे चलाए गए तो प्रदूषण में और इजाफा हो सकता है.
दिल्ली-एनसीआर | इलाका | प्रदूषण स्तर(AQI) |
आईटीओ | दिल्ली | 257 |
शादीपुर | दिल्ली | 332 |
वजीरपुर | दिल्ली | 318 |
मुंडका | दिल्ली | 314 |
लोनी | गाज़ियाबाद | 357 |
सेक्टर 116 | नोएडा | 314 |
सेक्टर 125 | नोएडा | 296 |
सुस्त हवा की रफ्तार
मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा समय में प्रदूषण का मुख्य कारक धूल और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है. जबकि पराली के कारण प्रदूषण 4 से 5 प्रतिशत है. बढ़ती ठंड और धीमी होती हवा की रफ्तार से हवा में मौजूद प्रदूषण छठ नहीं रहा है. इसकी वजह से कई इलाकों में सुबह के वक्त स्मोग देखने को मिल रहा है. प्रदूषण के छटने के लिए हवा की रफ्तार तकरीबन 10 किलोमीटर प्रति घंटा होनी जरूरी है. 23 अक्टूबर को हवा की गति तीन किलोमीटर प्रति घंटा जबकि 24 अक्टूबर को चार किलोमीटर प्रति घंटा रहने की आशंका जताई जा रही है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index)
जब AQI 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.