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उत्तराखंड के लोगों ने जंतर मंतर पर मनाया 'काला दिवस', 1994 दंगों में जांच की मांग - People of Uttarakhand celebrated black day at Jantar Mantar

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर दिल्ली के जंतर-मंतर में उत्तराखंड की तमाम संस्थाओं और लोगों ने 1994 में उत्तराखंड में हुए आंदोलन को लेकर काला दिवस मनाया.

जंतर-मंतर पर काला दिवस

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Published : Oct 2, 2019, 5:37 PM IST

नई दिल्ली:पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है लेकिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर उत्तराखंड की तमाम संस्थाओं और लोगों ने 1994 में उत्तराखंड में हुए आंदोलन को लेकर काला दिवस मनाया. इस दौरान दिल्ली एनसीआर में रहने वाले उत्तराखंड के निवासी प्रदर्शन में शामिल हुए और 1994 में हुए 'नरसंहार' और देवभूमि की महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार को लेकर एसआईटी जांच की मांग की.

उत्तराखंड के लोगों ने जंतर मंतर पर मनाया काला दिवस, 1994 दंगों में जांच की मांग

मुलायम सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि उत्तराखंड के अलग राज्य बनने से पहले 1994 में जो दंगे हुए उस दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार थी और यूपी में मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी सरकार थी और जब तमाम उत्तराखंडी वहां प्रदर्शन कर रहे थे और मुजफ्फरनगर से दिल्ली आ रहे थे तो इस दौरान उनके साथ बर्बरता की गई उनको मौत के घाट उतार दिया गया यहां तक कि महिलाओं और बेटियों के साथ बलात्कार तक किए गए.

25 साल के बावजूद नहीं मिली सजा
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि यह हिंसक घटनाएं रामपुर, मुजफ्फरनगर, खटीमा, मसूरी, देहरादून में हुईं जहां पर सैकड़ों की तादाद में लोगों की जानें गई और आज उस कांड को पूरे 25 साल हो चुके हैं बावजूद इसके अभी तक आरोपियों को कोई सजा नहीं मिली है.

एसआईटी के गठन की मांग
जिसके बाद तमाम प्रदर्शनकारी इस मामले में एसआईटी के गठन की मांग कर रहे हैं. सीधे तौर पर प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा कि न्याय हमारा हक है, हम न्याय चाहते हैं इसीलिए आज हम 2 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं और यहां जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए हैं.

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