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पटेल नगर: फीस का दबाव बनाने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग

बाल भारती स्कूल के बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल फीस का दबाव बनाने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे. अभिभावकों ने ज्ञापन दे कर पटेल नगर के विधायक राज कुमार आंनद के साथ-साथ शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मांग की है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से 3 महीने की फीस माफ की जाए.

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Published : Jul 30, 2020, 10:55 AM IST

School management pressuring for fees
स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच सभी स्कूल बंद हैं, लेकिन फिर भी स्कूल प्रबंधन की ओर से स्कूल फीस का दबाव बनाने का मामला सामने आया है. जिसके बाद अब पेरेंटस ने आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा, पटेल नगर के विधायक राज कुमार आनंद को विज्ञापन सौंपा.

स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग



अभिभावकों ने ज्ञापन देकर पटेल नगर के विधायक राज कुमार आंनद के साथ-साथ शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मांग की है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से 3 महीने की फीस माफ की जाए.

साथ ही जब तक स्कूल नहीं खुलते, ऑनलाइन क्लास हो रही है. तब तक हर महीने की फीस लेने के निर्देश दिए जाएं. क्योंकि इस समय लोगों के पास किसी प्रकार का भी रोजगार का कोई साधन नहीं है.

स्कूल वसूलसता है कई प्रकार के फंड


डॉ. शिखा गुप्ता ने कहा कि आज स्कूल प्रबंधक शिक्षकों की सैलरी का बहाना बनाकर लगातार बच्चों और अभिभावकों के ऊपर दबाव बना रहे हैं. साथ ही ऑनलाइन क्लास में ना बैठने के साथ-साथ स्कूल में से भी नाम काटने की धमकी दे रहे हैं.

जबकि बच्चों का स्कूल में जब एडमिशन होता है. तब से लेकर जब तक बच्चा स्कूल में रहता है. अलग-अलग तरह के कई फंड स्कूल प्रबंधन उनसे वसूलता है. उसका इस्तेमाल कहां पर होता है? इतना पैसा होने के बावजूद भी स्कूल प्रबंधक ऐसी हरकतें कर रहा है. बड़ी शर्म की बात है.

एल.एस. बिंद्रा ने कहा कि अगर ज्यादा दबाव होने से कोई अभिभावक सुसाइड कर लेता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा केंद्र सरकार या दिल्ली सरकार? जबकि अभिभावकों की नौकरी भी नहीं है. कोरोना के कारण फैक्ट्री संचालक, दुकानदार, बैंक्वेट हॉल और होटल संचालक समेत कई लोग स्टाफ को अपने पास से तनख्वाह दे रहे हैं. क्या स्कूल प्रबंधन इतना फंड होने के बावजूद अपने पास से शिक्षकों को सैलरी नहीं दे सकता.

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