नई दिल्ली:दिल्ली की तीसरी रिंग रोड (अर्बन एक्शटेंशन रोड-2) के निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरे होने की संभावना है. सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार, इस रोड की शुरुआत होने से दिल्ली की सड़कों पर हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले हजारों वाहनों का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा. जिसकी वजह से लोगों को प्रदूषण और जाम से राहत मिलेगी. साथ ही, उन लोगों का सफर भी आसान हो जाएगा.
नितिन गडकरी ने किया रोड का निरीक्षण: नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा बनाए जा रहे इस तीसरे रिंग रोड का लगभग 58 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जिसका जायजा लेने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, उपराज्यपाल वीके सक्सेना पहुंचे. निरीक्षण के बाद उन्होंने दिसंबर तक इस तीसरे रिंग रोड के काम के पूरा होने की उम्मीद जाहिर की. उन्होंने बस में सवार हो कर पूरी सड़क का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ सांसद प्रवेश वर्मा, हंसराज हंस, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और विधायक विजेंद्र गुप्ता समेत एनएचएआई के अधिकारी भी मौजूद रहे.
केंद्रीय सड़क परिहवन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि छह लेन वाली इस रोड को पांच पैकेज में बनाया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 7716 करोड़ रुपए हैं, जिसमें 3500 करोड़ रुपये डीडीए की तरफ से दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसके बनने के बाद दिल्ली के धौला कुआं और मुबारका चौक पर ट्रैफिक में कमी आएगी. इसमें 27 फ्लाईओवर, एक बड़ा पुल, 26 छोटे पुल, 11 अंडरपास और 17 पैदल यात्री सब-वे बनाए जा रहे हैं. बाद में इसे नॉएडा एयरपोर्ट से भी जोड़े जाने की योजना है.
गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार दिल्ली को जाम मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी को ध्यान में रख कर पश्चिमी रिंग रोड बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि इस रिंग रोड को ई-एक्सप्रेस वे की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है, जिसमें एक लेन पर इलेक्ट्रिक बसों व ट्रकों के साथ भारी वाहनों के लिए ई-वे बनाने की तैयारी है. इस लेन पर रेलवे मार्ग की तरह बिजली के तार होंगे. ये वाहन ट्रेन की तरह तारों से बिजली लेकर चलेंगे. भविष्य के लिए विकसित की जा रही इस योजना को दिल्ली से जयपुर के बीच बनाने की तैयारी है.