नई दिल्ली: भोपाल में बूचड़खाने को बंद करने के एनजीटी के आदेश के बावजूद उसे अंदर से चलाने की एक खबर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने संज्ञान लिया है. जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने संबंधित अखबार के संपादक, भोपाल के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तरुण कुमार पिथोडे और भोपाल नगर निगम के आयुक्त एम विजय दत्ता को इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है.
दरअसल एनजीटी ने अक्टूबर में भोपाल के बूचड़खाने को बंद करने का आदेश दिया था. एनजीटी की ओर से नियुक्त आयुक्त ने बूचड़खाने पर ताला भी लगा दिया था. इस संबंध में भोपाल के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और नगर निगम के आयुक्त ने एनजीटी में हलफनामा दायर कर कहा कि बूचड़खाने पर ताला लगा दिया गया है.
स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा !
एक अखबार ने 5 दिसंबर को स्टिंग ऑपरेशन कर खबर छापी थी कि एनजीटी के आदेश पर बूचड़खाने में ताला तो लगाया गया, लेकिन ये अंदर ही अंदर चल रहा था. इसी को आधार बनाते हुए याचिकाकर्ता ने एनजीटी से कहा कि ऊपर से भले ही ताला लगाया गया है, लेकिन अंदर से बूचड़खाना चल रहा है.