नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने बढ़ते प्रदूषण पर रोक न लगने पर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार के इंतजाम नाकाफी हैं.
NGT ने केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार NGT ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
एनजीटी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सुनियोजित और समन्वय के साथ योजना बनाने की जरूरत है. एनजीटी ने कहा कि पटाखे चलाने वालों के खिलाफ जुर्माने के प्रावधान की समीक्षा की जरुरत है.
एनजीटी ने पाया कि नियमों का उल्लंघन कर पटाखे चलाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना है. लेकिन इसमें ये नहीं बताया गया है कि दूसरी या तीसरी बार भी पटाखा चलाते पकड़े जाने पर कितना जुर्माना होगा.
एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को फटकार लगाते हुए कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल रही है. कमेटी यह बताने में विफल रही कि उसने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की.
ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग केंद्र होंगे स्थापित
सुनवाई के दौरान कमेटी की ओर से डॉ. एमपी जॉर्ज ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग करने वाले उपकरण दो महीने में खरीद लिए जाएंगे और मॉनिटरिंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इस पर एनजीटी ने कहा कि अगर ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग करने वाले केंद्र 31 जनवरी 2020 तक स्थापित नहीं किए गए तो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के सदस्य सचिव और डॉ एमपी जॉर्ज को उनकी सैलरी बिना एनजीटी के निर्देश के नहीं दी जाएगी.
आदेशों के उल्लघंन पर कटेगी सैलरी
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी ने कहा कि उपकरणों की जरुरत मार्च 2020 से पड़ेगी तब एनजीटी ने कहा कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो स्पेशल सीपी और प्रोविजनिंग एंड लॉजिस्टिक के डीसीपी की सैलरी 1 अप्रैल 2020 से नहीं मिलेगी.
पिछले 5 अगस्त को एनजीटी ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सभी साउंड सिस्टम में ध्वनि को सीमित करने वाले उपकरण लगाने का नोटिफिकेशन जारी करें.
ध्वनि प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर असर
एनजीटी ने कहा था कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों खासकर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली में नॉयज पॉल्युशन रुल्स 2000 को बिल्कुल लागू नहीं किया जा रहा है. प्रशासन को इसे लागू करने के लिए कड़ाई से पेश आना चाहिए. इसे लागू करने के लिए दिल्ली सरकार, त्रिपुरा सरकार की तरह एक नोटिफिकेशन जारी करें जिसमें सभी साउंड सिस्टम में साउंड लिमिटर्स लगाना अनिवार्य हो.