नई दिल्ली: चलती ट्रेन में या किसी भी रेलवे स्टेशन पर अगर आपके साथ कोई आपराधिक वारदात हो तो आपको पुलिस को तलाशने की जरूरत अब नहीं होगी. एक बटन दबाते ही खुद पुलिस आपसे संपर्क करेगी. इस एसओएस बटन से लैस सहयात्री ऐप का गुरुवार को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने उद्घाटन किया.
इसके साथ ही रेलवे पुलिस की वेबसाइट भी शुरु की गई. जिसमें 24 राज्य और एक केंद्र शाषित प्रदेश मिलकर अपराध और अपराधियों की जानकारी देख सकेंगे.
अपराध पर लगेगी लगाम
ट्रांसपोर्ट के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 को पुलिस मुख्यालय में कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में जीआरपी अधिकारियों की एक बैठक हुई थी. इसमें ये सुझाव आया था कि रेलवे अपराध और अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया जाना चाहिए. इससे रेलवे में होने वाले अपराध पर लगाम लगाई जा सकेगी.
इसलिए ये वेबसाइट तैयार की गई है, जिसमें तमाम अपराधियों और अपराध का डाटा डाला गया है. 24 राज्यों के अलावा दिल्ली के रेलवे पुलिस अधिकारी इस वेबसाइट से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा सहयात्री ऐप को बनाया गया है जिससे एक क्लिक पर रेलवे में अपराध का शिकार होने वाले पीड़ित के पास पुलिस पहुंचेगी. इस ऐप के जरिए स्वास्थ्य सेवा के लिए उनके पास अबुल एंबुलेंस भी पहुंचेगी.
'रेलवे अपराध की नहीं होती सीमा'
उद्घाटन के मौके पर पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा कि रेलवे में होने वाले अपराध की कोई सीमा नहीं होती. अपराध जब होता है तो ट्रेन एक जगह होती है और जब इसका पता लगता है तो दूसरी जगह होती है. इसलिए इस ऐप को लांच किया गया है ताकि रेलवे यात्री जहां हो, वहां की पुलिस उससे मदद के लिए संपर्क करेगी.
उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट को तैयार करने की जिम्मेदारी दिनेश गुप्ता को दी गई थी. 24 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश इस वेबसाइट पर जुड़ेंगे और एक दूसरे से जानकारी साझा करेंगे.
इस वेबसाइट पर रेलवे में वारदात करने वाले डकैत, लुटेरे, झपटमार, जेबतराश, नशा देने वाले, बैग उठाने वाले और बच्चे चोरी करने वालों की जानकारी है. इससे आने वाले समय में अपराधियों की धरपकड़ करना पुलिस के लिए आसान होगा.