नई दिल्ली:सरकार द्वारा संचालित सभी सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत मिड डे मील की व्यवस्था होती है. अब 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाली छात्राओं को भी इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा. साथ ही मिड डे मील में छात्राएं मफिन्स, कुकीज़, बन और केक का भी स्वाद ले सकेंगे.
हाल ही में शिक्षा निदेशालय की मिड डे मील शाखा ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस एनजीओ को आस पड़ोस के 3 ज़ोन के स्कूलों का सर्वे करने की अनुमति दे दी है और जल्द से जल्द अपना प्लान शिक्षा निदेशालय को जमा करने के लिए कहा है.
दस हजार छात्राओं को मिलेगा मिड-डे मील
अक्षय पात्र फाउंडेशन अलग-अलग स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील मुहैया कराता है. अब वह सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ रही दस हजार छात्राओं को मिड डे मील देने की सुविधा शुरू करने की अनुमति दिल्ली सरकार ने दे दी है. हालांकि इस प्रोजेक्ट को बड़े स्तर पर तभी शुरू किया जाएगा जब संस्था द्वारा सौंपे गए प्लान के हर पहलू की जांच कर ली जाएगी.
सरकारी सहायता के बिना मिड-डे मील
फिलहाल दिल्ली के 3 जोन- जहांगीरपुरी, बादली और मोहन कोऑपरेटिव में बने सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा में लगभग दस हजार छात्राएं पढ़ती हैं. इन छात्राओं के लिए अगले माह से मिड डे मील शुरू करने की योजना बनाई जा रही है.
जिसमें खाने के साथ-साथ मफिंस, केक, कुकीज़ आदि भी दिया जाना तय हो रहा है. हालांकि शिक्षा निदेशालय द्वारा दिए गए अनुमति पत्र में या स्पष्ट कहा गया है कि यह संस्था अपने संसाधनों से ही इन 10000 छात्राओं को मिड डे मील मुहैया कराएगी और इसमें सरकार किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं करेगी.