नई दिल्ली: आज पर्यावरण के लिए प्लास्टिक वेस्ट एक बड़ी चुनौती है. सबसे बड़ी समस्या है कि प्रतिबंध के बावजूद लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल कम नहीं कर रहे हैं, जिसके चलके पार्क से लेकर सड़क तक पर प्लास्टिक के ढेर नजर आते हैं. वहीं, इससे नाले और सीवर चोक होने के साथ नदी भी प्रदूषित होती है. इससे निजात पाने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए छतरपुर निवासी मनवीर सिंह ने 6 साल पहले एक अभियान शुरू किया था. इन 6 सालों के दौरान उन्होंने करीब 1 टन प्लास्टिक कचरे का कलात्मक तरीके से निस्तारण किया है.
उन्होंने अलग-अलग राज्यों में प्लास्टिक वेस्ट से आर्टवर्क बनाए. अब उन्होंने दिल्ली के लोगों को प्लास्टिक वेस्ट के प्रति जागरूक करने के लिए ललित कला अकादमी में आयोजित वर्कशॉप में दिल्ली दर्शन नाम का आर्ट वर्क तैयार किया है. इसके माध्यम से वह दिखाना चाहते हैं कि किस तरह से राजधानी में कूड़े के पहाड़ बढ़ते जा रहे हैं, जिससे दिल्ली के सैकड़ों साल पुराने स्मारकों की चमक फीकी पड़ती जा रही है. हालत यह है कि अब कूड़े के पहाड़ स्मारकों से भी ऊंचे दिखने लगे हैं.
बीयर कैंस को दी स्मारकों की शक्ल: मनवीर सिंह ने अपने आर्ट वर्क में इंडिया गेट, लाल किला, दिल्ली मेट्रो और लोटस टेंपल को भी दिखाया है. उन्होंने दिखाया कि कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई के आगे यह सारे स्मारक और ऐतिहासिक धरोहर छोटे साबित हो रहे हैं. इसलिए लोगों को प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना चाहिए ताकि राजधानी के पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सके. इस आर्ट वर्क में उन्होंने 100 किलो से ज्यादा प्लास्टिक और बीयर कैंस का इस्तेमाल किया है. इसके लिए उन्होंने बीयर कैंस को चिपकाकर स्मारकों की शक्ल दी है.