नई दिल्लीःदिल्ली के चार बड़े अस्पतालों में भर्ती न करने के कारण तीन जनवरी को हुई प्रमोद की मौत मामले में मजिस्ट्रेट जांच जारी है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने भी अपने अंतर्गत आने वाले तीनों अस्पतालों लोकनायक, जीटीबी और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल से रिपोर्ट मांग ली है. रिपोर्ट मिलने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने की तैयारी में हैं.
वहीं, लोकनायक अस्पताल में मरीज को वेंटिलेटर बेड खाली न होने की बात कहकर वापस करने को लेकर अब अस्पताल के इमरजेंसी विभाग और न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉक्टर एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं. न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीएन पांडेय ने बताया कि तीन जनवरी को जिस समय हेड इंजुरी से घायल प्रमोद को लोकनायक अस्पताल लाया गया था तब केजुअल्टी में 15 वेंटिलेटर बेड और मेडिसिन इमरजेंसी में 10 वेंटिलेटर बेड खाली थे. ऐसे में इमरजेंसी में ऑन ड्यूटी सीएमओ को ही मरीज को इमरजेंसी में भर्ती करना चाहिए था.
पांडेय ने बताया कि न्यूरोसर्जरी में उस समय कोई वेंटिलेटर बेड खाली नहीं था. इसलिए उस मरीज को इमरजेंसी या मेडिसिन इमरजेंसी के ही वेंटिलेटर बेड पर ही भर्ती करना चाहिए था. जबकि अन्य विभाग के एक डॉक्टर का यह भी कहना है कि न्यूरोसर्जरी में भी उस दिन चार वेंटिलेटर बेड खाली थे. नर्स द्वारा प्रतिदिन लिए जाने वाले खाली बेड के डेटा की एंट्री में यह दर्ज भी है.
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वहीं, इमरजेंसी में मरीज को देखने वाले डॉक्टर का कहना है कि जब मरीज जग प्रवेश चंद्र अस्पताल से आया था तभी उसको वेंटिलेटर की जरूरत थी. उस मरीज को हाथ से बेंबू करके ऑक्सीजन दी जा रही थी. हमारे पास मरीज आने के बाद हमने 37 मिनट के अंदर उसका सीटी स्कैन और एक्सरे किया. इसके बाद सीटी स्कैन में हेड इंजरी आने के बाद उसे न्यूरोसर्जरी विभाग को भर्ती करने के लिए रैफर किया. न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉक्टर उसे पांचवें फ्लोर पर स्थित अपने वार्ड में ले गए. कुछ समय बाद ही उन्होंने नीचे इमरजेंसी में आकर वेंटिलेटर बेड खाली न होने की बात कहकर मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया. जिसके बाद पुलिसकर्मी मरीज को आरएमएल अस्पताल ले गए.
इमरजेंसी के डाक्टरों का कहना है कि जो 25 वेंटिलेटर बेड खाली बताए जा रहे हैं, वह कोरोना के मरीजों के लिए पहले से ही आरक्षित हैं. वहीं, डॉ. पीएन पांडेय का कहना है कि उस दिन प्रमोद नाम के मरीज को भर्ती करने से मना करने के अगले ही दिन से ही इमरजेंसी में स्थित वेंटिलेटर बेड पर मरीज भर्ती करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि आज भी न्यूरोसर्जरी के दो मरीजों को इमरजेंसी के वेंटिलेटर बेड पर भर्ती किया गया है.