नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे को आदेश दिया है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन जारी रहने तक अपने लोको रनिंग स्टाफ का ब्रीद एनालाइजर टेस्ट या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं करें. जस्टिस आर मिधा और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में ये आदेश दिया.
ब्रीद एनालाइजर टेस्ट या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं करने का आदेश
लोको रनिंग स्टाफ का ब्रीद एनालाइजर टेस्ट नहीं करने का आदेश
पिछले 27 मार्च को कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया था कि वो लोको रनिंग स्टाफ का ब्रीद एनालाइजर टेस्ट या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं करें. कोर्ट ने लॉकडाउन जारी रहने तक उस आदेश को जारी रखने का आदेश दिया.
पिछले 27 मार्च को कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया था कि वो लोको रनिंग स्टाफ का ब्रीद एनालाइजर टेस्ट या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं करें. कोर्ट ने लॉकडाउन जारी रहने तक उस आदेश को जारी रखने का आदेश दिया. रेलवे मंत्रालय ने 20 मार्च को आदेश दिया था कि ड्यूटी के दौरान ब्रीद एनालाइजर टेस्ट और ब्रीद एनालाइजर टेस्ट कराना अनिवार्य है. इस आदेश को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
स्वास्थ्य निदेशालय के एडवाइजरी का उल्लंघन
एसोसिएशन की ओर से वकील साकिब ने कहा कि कोरोना महामारी से बचने का उपाय किए बिना रेलवे ने ब्रीद एनालाइजर और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया. याचिका में कहा गया था कि रेलवे का ये आदेश स्वास्थ्य निदेशालय के एडवाइजरी के विपरीत है.