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दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के 15 लाख बच्चों को शिक्षा देना बड़ी बात : शिक्षा निदेशक - 15 लाख बच्चों को शिक्षा

दिल्ली के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के 15 लाख बच्चों (children of unauthorized colonies) को शिक्षा देना बड़ी बात (big deal to educate) है. दिल्ली के प्राइवेट स्कूल सरकार के साथ मिलकर इस उद्देश्य को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के 15 लाख बच्चों को शिक्षा देना बड़ी बात : शिक्षा निदेशक
दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के 15 लाख बच्चों को शिक्षा देना बड़ी बात : शिक्षा निदेशक

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Published : Oct 21, 2022, 10:16 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 15 लाख बच्चों (children of unauthorized colonies) को शिक्षा देना बड़ी बात है. सभी को शिक्षा मिले यही हमेशा हमारा उद्देश्य होना चाहिए. सरकार के साथ मिलकर प्राइवेट स्कूल इस उद्देश्य को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. दिल्लीके शिक्षा निदेशक (Director of Education) हिमांशु गुप्ता ने ये बात कही. हिमांशु गुप्ता मोहन गार्डन में प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल ट्रस्ट की ओर से आयोजित दिवाली मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

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समस्याओं के निवारण का दिया आश्वासन : गुप्ता ने कहा कि मैं प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं से वाकिफ हूं. आपने जो-जो समस्याएं बताई हैं, उनका निवारण करने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा. इस दौरान उपस्थित स्कूल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय अग्रवाल, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. चंद्रकांत सिंह, संस्था के संयोजक हीरा लाल, सचिव गौरव त्यागी, कैशियर डॉ. गंगा प्रसाद के अलावा गगन भारती स्कूल की डायरेक्टर मीना गुप्ता उपस्थित रहीं.

निदेशक के सामने रखी समस्या : स्कूल ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. चंद्रकांत सिंह ने प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं और मांगों को शिक्षा निदेशक के सामने मजबूती से रखा. प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि कई समस्याओं के बावजूद हम कम फीस में बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं. कार्यक्रम में दिल्ली की सभी अनधिकृत कॉलोनियों के एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल बंद हुए तो इसका असर सीधे तौर पर निजी स्कूलों पर पड़ा. दिल्ली के अधिकांश जगहों पर चल रहे निजी स्कूल बंद कर दिए गए. अब हालात बदल रहे हैं और धीरे-धीरे निजी स्कूलों का संचालन भी पटरी पर लौट रहा है.

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