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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर लगी रोक 25 मार्च तक बढ़ी - money laundering case

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत 25 मार्च तक बढ़ा दी है. कोर्ट ने वाड्रा को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.

मनी लॉन्ड्रिंग मामला

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Published : Mar 19, 2019, 5:10 PM IST

Updated : Mar 19, 2019, 11:57 PM IST

नई दिल्ली: मंगलवार को सुनवाई के दौरान ईडी ने वाड्रा की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया. ईडी ने कहा कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वहीं कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 25 मार्च की तिथि तय की है. पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने वाड्रा की गिरफ्तारी पर 19 मार्च तक रोक लगाई थी. 2 मार्च को सुनवाई के दौरान ईडी ने वाड्रा के दफ्तर से पिछले साल छापे के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की हार्ड कॉपी वाड्रा को सौंपी थी. वाड्रा ने दस्तावेज न मिलने तक पूछताछ पर रोक लगाने की मांग की थी.

पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने वाड्रा की ईडी की पूछताछ से छूट देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वो पांच दिनों के अंदर दस्तावेजों की हार्ड कॉपी रॉबर्ड वाड्रा को उपलब्ध कराएं. स्पेशल जज अरविंद कुमार ने कहा कि आप ईडी के पास 26 फरवरी को पूछताछ के लिए जाएं. उसके बाद वाड्रा 26 फरवरी को पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर गए थे.

25 फरवरी को ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी को दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी सौंपी थी। तुलसी ने कहा कि कुल 185 दस्तावेज़ हैं, जो हमें दिए जाने चाहिए, बिना दस्तावेज़ देखे हम जांच में सहयोग कैसे कर सकते हैं. हमें हार्ड कॉपी मिलनी चाहिए. तब कोर्ट ने कहा था कि हमें भी सॉफ्ट कॉपी ही मिली है. ईडी के वकील ने कहा कि हमारे पास कुछ दस्तावेज हो सकते हैं लेकिन हम वो दस्तावेज कैसे दे सकते हैं जो हमने सीज ही नहीं किए हैं.

पिछले 16 फरवरी को कोर्ट ने वाड्रा की गिरफ्तारी पर लगी रोक आज तक के लिए बढ़ा दी थी. सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि उन्हें वाड्रा से 4-5 दिन पूछताछ करनी है तब वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि उन्हें कोई एतराज़ नहीं है, लेकिन उनके मुवक्किल को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए.

ईडी ने कहा था कि वाड्रा कोर्ट या ईडी के दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचते हैं तो उनके साथ पूरी बारात होती है. कोर्ट ने वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा की गिरफ्तारी पर लगी रोक भी 19 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी. पिछले 2 फरवरी को कोर्ट ने वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी. कोर्ट ने वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.

वाड्रा की तरफ से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि वाड्रा की समाज में प्रतिष्ठा है. वे क़ानून से भागने वाले इंसान नहीं हैं. ये केस और कुछ नहीं,बल्कि राजनीतिक द्वेष की भावना के चलते दर्ज किया गया. पटियाला हाउस कोर्ट ने मनोज अरोड़ा को अंतरिम राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी. लेकिन साथ ही मनोज अरोड़ा को निर्देश दिया था कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ जांच में सहयोग करें.

ईडी ने कहा था कि अरोड़ा रॉबर्ट वाड्रा की विदेश में अघोषित संपत्ति के बारे में जानता है और इन संपत्तियों को हासिल करने के लिए धन मुहैया कराने में भूमिका निभाई थी.

Last Updated : Mar 19, 2019, 11:57 PM IST

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