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नए आईटी रूल्स को चुनौती देने वाली WhatsApp और Facebook की याचिका पर आज सुनवाई - दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट नए आईटी रूल्स को चुनौती देने वाली WhatsApp और Facebook की याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट से समय देने की मांग की थी.

WhatsApp और Facebook की याचिका पर आज सुनवाई
WhatsApp और Facebook की याचिका पर आज सुनवाई

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Published : Aug 27, 2021, 7:09 AM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाई कोर्ट नए आईटी रूल्स को चुनौती देने वाली WhatsApp और Facebook की याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी.


पिछले 30 जुलाई को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से समय देने की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने मेहता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया. पिछले 9 जुलाई को WhatsApp ने कोर्ट को बताया था कि वो अपनी नई प्राईवेसी पॉलिसी को फिलहाल स्थगित रखेगा.

WhatsApp की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया था कि जब तक डाटा प्रोटेक्शन बिल नहीं आ जाता तब तक उसकी नई प्राईवेसी पॉलिसी लागू नहीं की जाएगी. साल्वे ने कहा था कि WhatsApp ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब दे दिया है. प्राईवेसी पॉलिसी को चुनौती देना और प्रतिस्पर्द्धा आयोग की जांच को चुनौती देना दोनों अलग-अलग बात है.


बीते 22 अप्रैल को जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने WhatsApp और Facebook की याचिका खारिज कर दी थी. इस आदेश को दोनों कंपनियों ने डिवीजन बेंच के समक्ष चुनौती दी है. सिंगल बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान WhatsApp की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि WhatsApp की प्राईवेसी पॉलिसी पर प्रतिस्पर्द्धा आयोग को आदेश देने का क्षेत्राधिकार नहीं है.

ये भी पढ़ें-HC: प्रतिस्पर्द्धा आयोग के नोटिस के खिलाफ व्हाट्स ऐप और फेसबुक की याचिका खारिज

इस मामले पर सरकार को फैसला लेना है. WhatsApp की नई प्राईवेसी पॉलिसी यूजर्स को ज्यादा पारदर्शिता उपलब्ध कराना है. इस पॉलिसी से व्यावसायिक सेवाओं का बेहतर उपयोग करने की सुविधा है. WhatsApp की व्यावसायिक सेवा अलग है जो Facebook से लिंक की गई है. उन्होंने कहा था कि WhatsApp किसी यूजर की निजी बातचीत को नहीं देखता है.

प्रतिस्पर्द्धा आयोग की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा था कि ये मामला केवल प्राईवेसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये डाटा तक पहुंच का है. उन्होंने कहा था कि प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने अपने क्षेत्राधिकार के तहत आदेश दिया है. उन्होंने कहा था कि भले ही WhatsApp की इस नीति को प्राईवेसी पॉलिसी कहा गया है लेकिन इसे मार्केट में अपनी उपस्थिति का बेजा फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है.

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