दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

सेना के जवानों को सोशल मीडिया डिलीट करने के आदेश के खिलाफ याचिका, HC ने मांगा जवाब - जस्टिस आशा मेनन

जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ और जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने केंद्र सरकार को इस बारे में केंद्र सरकार की नीति की कॉपी बंद लिफाफे में दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी.

delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट

By

Published : Jul 14, 2020, 5:25 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 10:38 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना के अफसरों और जवानों के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ और जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने केंद्र सरकार को इस बारे में केंद्र सरकार की नीति की कॉपी बंद लिफाफे में दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी.

सेना के जवानों को सोशल मीडिया डिलीट करने का आदेश
परिवार से मिलने में समस्या

यह याचिका सेना के एक सेवारत अधिकारी कर्नल पीके चौधरी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि यह नीति असंवैधानिक है और सेना को इसे वापस लेने के लिए कहा जाए. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता विदेश में रह रहे अपने परिवार के लोगों से बिना सोशल मीडिया के नहीं मिल सकता है. वह अपने फेसबुक अकाउंट भारतीय सेना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करता है. उसने कभी भी कोई गोपनीय और संवेदनशील सूचना को सोशल मीडिया पर साझा नहीं किया है.



संविधान का उल्लंघन

याचिका में कहा गया है कि सेना का दिशानिर्देश मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. सेना का आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता के अधिकार का हनन है. याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 33 के मुताबिक सेना के मौलिक अधिकारों पर केवल संसद ही फैसला ले सकती है और सेना संसद नहीं है. सोशल मीडिया को डिलीट करने का सेना के आदेश संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है. एक तरफ सेना सोशल मीडिया के अकाउंट को डिलीट करने का आदेश देती है और दूसरी तरफ वो सोशल मीडिया पर सैनिकों को सुरक्षित व्यवहार अपनाने पर ट्रेनिंग देती है.

Last Updated : Jul 14, 2020, 10:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details