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गाजियाबाद गैंगरेप केस: दिल्ली महिला आयोग ने CM योगी को लिखा पत्र, उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की

गाजियाबाद पुलिस ने यह दावा किया कि गाजियाबाद गैंगरेप केस को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है. महिला के आरोप निराधार हैं. पुलिस के पास इस बात के पर्याप्य सबूत हैं. पुलिस के इस बयान को लेकर, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गाजियाबाद गैंगरेप केस की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

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Published : Oct 22, 2022, 4:05 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (DWC Chairman Swati Maliwal) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर गाजियाबाद में कथित सामूहिक बलात्कार(Ghaziabad gangrape case) मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक आयोग को 18 अक्टूबर को जीटीबी अस्पताल में स्टाफ नर्स से 181 महिला हेल्पलाइन पर एक कॉल आया था. जिसने सूचित किया था कि अस्पताल में यौन उत्पीड़न का एक मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद तुरंत आयोग से एक काउंसलर को अस्पताल भेजा गया.

आयोग के मुताबिक पीड़िता से कांउसलर के बातचीत करने पर उसने आरोप लगाया था कि उसके साथ 5 लोगों ने 2 दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया. यहां तक ​​कि उसके अंदर लोहे की रॉड भी डाल दी. उसने आरोप लगाया कि उसे बांधकर बोरे में सड़क किनारे फेंक दिया गया. आयोग ने उनके बयान दर्ज किए. महिला ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसके आधार पर आयोग ने उसका मामला उठाया और 19 अक्टूबर को यूपी पुलिस को नोटिस जारी किया.

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने पत्र में कहा है यूपी पुलिस ने मीडिया से बात की है और कहा है कि महिला के आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा है कि उनके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि महिला ने संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए 5 पुरुषों के खिलाफ साजिश रची थी.

स्वाति मालीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मामले के तथ्यों को देखने और मामले की गहराई से जांच कराने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर मामले की जांच करने की मांग की है. यदि संदेह से परे यह साबित हो जाता है कि लड़की पुरुषों के खिलाफ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थी और वह पीड़ित नहीं है, बल्कि अपराधी है. तो महिला के खिलाफ धारा 182 आईपीसी के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

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