नई दिल्ली/गाजियाबाद:वायु प्रदूषण से लोगों की सांसों पर तो संकट है ही, गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों को भी ये प्रभावित कर रहा है. प्रदूषण के कारण हवा में हानिकारक जहर सांस लेने पर सीधे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है . जो न केवल व्यस्कों के लिए बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी खतरनाक है. डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण प्रीमेच्योर यानी समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
9 महीने से पहले हो रही डिलीवरी:गाजियाबाद के महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुमाता तालिब के मुताबिक, "गर्भवती महिलाओं पर प्रदूषण का काफी प्रभाव पड़ रहा है. प्रदूषण के चलते प्रीमेच्योर डिलीवरी के केस सामने आ रहे हैं. 35 हफ्ते से पहले डिलीवरी होने को प्रीमेच्योर डिलीवरी कहते हैं. यानी 9 महीने पूरे होने से पहले ही गर्भवती महिला को लेबर पेन होना शुरू हो जाता है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के दौरान प्रीमेच्योर डिलीवरी केसेस बढ़े हैं.
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21 सितंबर से 9 नवंबर तक 187 प्रीमेच्योर डिलीवरी:डॉ तालिब के मुताबिक 21 सितंबर से 9 नवंबर तक कुल 1266 डिलीवरी हुई. जिसमे से 187 प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई. 187 प्रीमेच्योर डिलीवरी में से कुल 24 बच्चे जन्म के वक्त low birth weight पाए गए जिनको Special New Born Care Unit में भर्ती कराया गया.