नई दिल्ली: गर्मी के दिनों में दिल्ली सहित अन्य राज्यों में बिजली की खपत बढ़ जाती है. ऐसे में बिजली कटौती होना स्वाभाविक है. दिल्ली सरकार भी बिजली की खपत को पूरा करने के लिए दिल्ली में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का पुरजोर प्रयास कर रही है. इसके लिए केजरीवाल सरकार ने एक अनोखा रोजगार बजट पेश किया था. इसमें रूफटॉप सौर संयंत्रों की स्थापित क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई सौर नीति की परिकल्पना की गई है, ताकि वे दिल्ली की वार्षिक ऊर्जा मांग का 10% पूरा कर सकें.
दिल्ली सोलर पॉलिसी 2016 को 2025 तक 1995 मेगावाट रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन हासिल करने के लक्ष्य के साथ तैयार किया गया था. इसमें 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा के लाभों को आबादी के उन वर्गों तक पहुंचाना है, जो सौर पैनल स्थापित करने में असमर्थ थे. घरेलू और आवासीय उपभोक्ताओं को प्रति वर्ष न्यूनतम 1100 यूनिट प्रति किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 2 रुपये प्रति यूनिट के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन भी प्रदान किया गया.
सौर पैनल से बचाएं अपनी कमाई:गर्मियों मेंबिजली की खपत को कम करने के लिए आप घर में सोलर पैनल लगवा सकते हैं. इसपर सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है, जिनका भुगतान किश्तों में किया जा सकता है. सौर पैनलों में बायफेशियल सोलर पैनल को अच्छा बताया जाता है. यदि बायफेशियल सोलर पैनल को जमीन से 1.5 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाए तो इससे 7-20 प्रतिशत अतिरिक्त उत्पादन हो सकता है.