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ओला स्कूटी की बुकिंग के नाम पर करोड़ो ठगी करने वाले गैंग का खुलासा, अलग-अलग राज्यों से 20 आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन ओला स्कूटी बेचने (selling online Ola Scooty) के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. ये लोग फर्जी वेबसाइट डिजाइन कर लोगों को अपना शिकातर बनाते और फिर उनसे पैसे ऐंठते थे. इस मामले में साइबर पुलिस ने 20 जालसाजों को कर्नाटक, तेलंगाना झारखंड और बिहार से गिरफ्तार किया है. (Delhi police arrested 20 accused who cheated crores in name of booking ola scooty)

ओला स्कूटी की बुकिंग के नाम पर जालसाजी
ओला स्कूटी की बुकिंग के नाम पर जालसाजी

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Published : Nov 15, 2022, 3:46 PM IST

नई दिल्ली:आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल पुलिस ने एक नए और अनोखे साइबर ठगी के मामले का खुलासा किया है. इसमें ठगों ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी (Ola Electric Scooty) की बुकिंग का झांसा देकर देश भर में एक हजार से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. इस मामले में साइबर पुलिस ने 20 जालसाजों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 20 जालसाजों में से दो को कर्नाटक, चार को तेलंगाना, तीन को झारखंड और 11 को बिहार से गिरफ्तार किया है. आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे थे. इनके कब्जे से पुलिस ने 38 स्मार्ट फोन, 25 कीपैड फोन, सात लैपटॉप, दो हार्ड डिस्क, दो स्मार्ट वॉच, एक डोंगल, वारदात में इस्तेमाल किए गए 114 सिम कार्ड बरामद किए हैं. इसके अलावा इनके 25 बैंक खाते और चार वॉलेट को फ्रीज किया है.

डीसीपी देवेश महाला के अनुसार, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (Cyber ​​Crime Reporting Portal) पर दी गयी शिकलयत में कंझावला निवासी गोपाल सिंह ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी की बुकिंग के नाम पर 31 हजार रुपये की ठगी की शिकायत की. उन्होंने बताया था कि ओला स्कूटी की डिलीवरी के नाम पर उनसे 30,998 रुपये जालसाजों ने ठग लिए. इस मामले में आउटर नार्थ जिले के साइबर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन यशपाल सिंह की देखरेख में एक टीम का गठन किया गया था.

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पुलिस टीम ने तकनीकी जांच शुरू की, जिसमें आरोपियों की लोकेशन बेंगलूरु में होने का पता चला. पुलिस ने सीडीआर, बैंक खाता और केवाईसी से आरोपियों की तलाश की. पुलिस को गूगल, गो डैडी, बिगरॉक की तकनीकी निगरानी करने पर वेब डेवलपर व डिजाइनर बेंगलूरु निवासी टीवी वैंकटखाला का सुराग मिला और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस वेबसाइट को कंट्रोल करने वाले नागेश को गिरफ्तार कर लिया. नागेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन करता था. नागेश ने ही ओला स्कूटी वेबसाइट की तरह दिखने वाली वेबसाइट को डिजाइन किया था. पुलिस दोनो को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद उन्हें लेकर दिल्ली आई.

पूछताछ में पता चला कि पूरा जालसाजी रैकेट बिहार से चलता है और मुख्य आरोपी बिहार में है. बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने नागेश से जालसाजों को फोन कराया, जिसमें उसने बताया कि वह किसी काम के लिए दिल्ली में है. उसने आरोपियों को अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन के साथ दिल्ली आने को कहा, जिसके बाद मेदांता अस्पताल, सेक्टर 38, गुरुग्राम हरियाणा के पास मिलने आए बिहार निवासी राकेश कुमार और सुशांत कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

सुशांत खुद को कुलदीप सिंह बताकर अकाउंट का इस्तेमाल करता था. इन्होंने बताया कि बिहार में रहने वाले दो सगे भाई अमन और अनेश पूरी जालसाजी का रैकेट चलाते हैं. पुलिस टीम ने गांव महानंदपुर, के थाना शेखपुर सराय, पटना से दोनों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इनके अन्य 14 सहयोगियों को अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर पकड़ लिया. इनसे पुछताछ में पता चला कि आरोपी पहले पीड़ितों से पंजीकरण के नाम पर ऑनलाइन 499 रुपये का भुगतान करने के लिए कहते थे. फिर ट्रांसपोर्ट रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस व अन्य चार्जों के बहाने पैसा जमा करने के लिए कहते थे. उसके बाद ये डिलीवरी टाइम को बढ़ा कर उन्हें बेवकूफ बनाते थे.

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आरोपियों के खाते की जांच में अभी तक एक हजार से ज्यादा लोगों से ठगी की बात सामने आई है. ठगी की रकम करोड़ों रुपये हो सकती है, जिसकी अभी जांच की जा रही है. साथ ही आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस इस बात की जानकारी हासिल कर रही है कि यह कब से ठगी को अंजाम दे रहे थे.

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