ठंड से ज्यादा सता रहा प्रदूषण, NCR में Pollution का लेवल हाई, यहाँ चेक करें अपने इलाके का AQI - ठंड से ज्यादा सता रहा प्रदूषण
दिल्ली और एनसीआर (New Capital Region) में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को भी अधिकतर इलाकों में प्रदूषण का स्तर Red Zone में ही रहा. कुल मिलाकर एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) के हिसाब से आंकड़ा 300 के के पार ही रहा.
ठंड से ज्यादा सता रहा प्रदूषण
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Published : Jan 4, 2023, 9:29 AM IST
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिल्ली का प्रदूषण रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित नेहरू नगर है, यहां का AQI 409 दर्ज हुआ है. गाजियाबाद और नोएडा का AIR QUALITY INDEX खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है. नोएडा और गाजियाबाद का AQI भी RED ZONE में है.
दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर
322
शादीपुर
377
डीटीयू दिल्ली
378
आईटीओ दिल्ली
400
सिरी फोर्ट
391
मंदिर मार्ग
378
आरके पुरम
398
पंजाबी बाग
382
लोधी रोड
306
नॉर्थ कैंपस डीयू
342
CRRI मथुरा रोड
336
पूसा
301
IGI एयरपोर्ट टर्मिनल
367
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
371
नेहरू नगर
409
द्वारका सेक्टर 8
397
पटपड़गंज
398
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज
390
अशोक विहार
364
सोनिया विहार
351
जहांगीरपुरी
388
रोहिणी
369
विवेक विहार
382
नजफगढ़
348
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम
388
नरेला
387
ओखला फेस टू
386
बवाना
348
श्री औरबिंदो मार्ग
380
मुंडका
377
आनंद विहार
403
IHBAS दिलशाद गार्डन
290
चांदनी चौक
324
गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
गाजियाबाद के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा
362
इंदिरापुरम
245
संजय नगर
295
लोनी
390
नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
नोएडा के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62
354
सेक्टर 125
245
सेक्टर 1
335
सेक्टर 116
382
Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.
Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.